अनंत चतुर्दशी पर 14 दीप जलाने के नियम और महत्व

अनंत चतुर्दशी का त्योहार 6 सितंबर को मनाया जाएगा, जिसमें भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन 14 दीप जलाने की परंपरा है, जो घर में धन और समृद्धि लाने का प्रतीक है। जानें कैसे और कहां जलाने चाहिए ये दीप, ताकि आपके जीवन से नकारात्मकता दूर हो सके। इस लेख में अनंत चतुर्दशी के महत्व और दीप जलाने के नियमों की जानकारी दी गई है।
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अनंत चतुर्दशी पर 14 दीप जलाने के नियम और महत्व

अनंत चतुर्दशी का पावन पर्व


अनंत चतुर्दशी का पवित्र त्योहार 6 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है। उनके साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन, समृद्धि, सुख और संपत्ति में वृद्धि होती है। भगवान अनंत की कृपा से सभी दुख दूर होते हैं। अनंत चतुर्दशी के अवसर पर पूजा का शुभ समय सुबह 6:02 बजे से रात 1:41 बजे तक है। पूजा के दौरान 14 गांठों वाला अनंत सूत्र बांधने की परंपरा होती है, जिसे परिवार की सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। इस दिन, प्रदोष काल में अपने घर में 14 दीप जलाने चाहिए। ये दीप आपके जीवन में प्रगति की रोशनी फैलाएंगे। भगवान अनंत और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद आपके घर में धन और अनाज की भरपूरता लाएगा। आइए जानते हैं कि अनंत चतुर्दशी पर 14 दीप कहां जलाने चाहिए?


अनंत चतुर्दशी पर 14 दीप जलाने के नियम

अनंत चतुर्दशी पर 14 दीप जलाने के नियम

1. सबसे पहले, 14 मिट्टी या पीतल के दीपक लें और उन्हें अच्छे से साफ करें।

2. इन दीपों में गाय के घी का उपयोग करें। यदि घी उपलब्ध नहीं है, तो सरसों का तेल भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

3. इन दीपों में कपास की बत्ती डालें और उन्हें घी या तेल से भरें।

4. अनंत चतुर्दशी की पूजा के समय प्रदोष काल में सभी दीप जलाएं और उन्हें घर के 14 स्थानों पर रखें।


अनंत चतुर्दशी के दीप कहां रखें?

अनंत चतुर्दशी के दीप कहां रखें?

1. एक दीप भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पास पूजा कक्ष में रखें।

2. दूसरा दीप माता अन्नपूर्णा के स्थान पर, यानी रसोई में रखें।

3. तीसरा दीप तुलसी के चौरे के पास रखें। तुलसी विष्णु प्रिय है।

4. चौथा दीप मुख्य दरवाजे पर रखें।

5. पांचवां दीप घर के तिजोरी या धन के स्थान के पास रखें।

6. छठा दीप अपने बाथरूम के पास रख सकते हैं।

7. सातवां दीप पानी के नल के पास रखें।

अनंत चतुर्दशी पर 14 दीप जलाने के नियम और महत्व

8. घर के चारों कोनों पर एक-एक दीप रखें।

9. बारहवां दीप घर के बाहर अपने पूर्वजों के लिए रखें।

10. तेरहवां दीप घर की सीढ़ियों पर रखें।

11. चौदहवां दीप घर के ब्रह्म स्थान, यानी आंगन में जलाएं।

इस प्रकार, अनंत चतुर्दशी के 14 दीप घर में जलाने से आपके जीवन से नकारात्मकता दूर होगी।


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