अनंत चतुर्दशी 2025: तिथि, पूजा समय और अनुष्ठान

अनंत चतुर्दशी 2025 का त्योहार भगवान विष्णु के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन भक्त अनंत स्वरूप की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। जानें इस वर्ष की तिथि, पूजा समय और अनुष्ठान की विधि। यह जानकारी आपको इस पवित्र दिन को सही तरीके से मनाने में मदद करेगी।
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अनंत चतुर्दशी 2025: तिथि, पूजा समय और अनुष्ठान

अनंत चतुर्दशी का महत्व

अनंत चतुर्दशी का त्योहार भगवान विष्णु के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन भगवान के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है। कुछ लोग इस दिन उपवास रखते हैं, जबकि कई भक्त भगवान विष्णु को उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करते हैं। पूजा के दौरान, भक्त अपने हाथ पर 14 गांठों वाला अनंत सूत्र बांधते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु इस अनंत सूत्र में निवास करते हैं और ये 14 गांठें 14 लोकों से जुड़ी होती हैं।


अनंत चतुर्दशी 2025: तिथि और पूजा समय

हिंदू धर्म में, यह दिन भगवान विष्णु से संबंधित सभी पूजा अनुष्ठानों को करने के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। इस वर्ष, अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी, जो भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है।


ड्रिक पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि 6 सितंबर को सुबह 3:12 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर को सुबह 1:41 बजे समाप्त होगी। इसलिए, अनंत चतुर्दशी का त्योहार शनिवार, 6 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा।


अनंत चतुर्दशी की पूजा का शुभ समय 6 सितंबर को सुबह 6:02 बजे से लेकर 7 सितंबर को सुबह 1:41 बजे तक है। भक्त सुबह और शाम दोनों समय भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं।


अनंत चतुर्दशी पूजा अनुष्ठान

सुबह जल्दी उठें, स्नान करें, शुद्ध पीले या लाल रंग के कपड़े पहनें और अन्य आवश्यक क्रियाएँ करें।
भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए उपवास का संकल्प लें।
घर के मंदिर में एक कुर्सी रखें। कुर्सी पर एक शुद्ध लाल कपड़ा बिछाएं और कलश रखें। कलश पर चंदन से आठ पंखुड़ियों वाला कमल बनाएं और कुशा का धागा बांधें।
भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
उन्हें 14 गांठों वाला अनंत सूत्र, अक्षत, सुगंध, फूल, धूप, दीपक और नैवेद्य अर्पित करें।
घर के प्रत्येक सदस्य के हाथ पर अनंत सूत्र बांधें।
अनंत चतुर्दशी उपवास की कथा पढ़ें या सुनें।
भगवान विष्णु के लिए आरती करें।
आप शाम को उपवास तोड़ सकते हैं।