अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी से प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर की चर्चा
चौधरी की पीएम मोदी से मुलाकात
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भाजपा शासित राज्यों में प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर चिंता व्यक्त की।
दिल्ली में मोदी के कार्यालय में हुई इस मुलाकात में चौधरी ने बताया कि उन्होंने मतुआ समुदाय के बारे में भी चर्चा की, जो इस बात से चिंतित है कि उनके नाम आगामी विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे।
प्रवासी श्रमिकों की स्थिति
चौधरी ने मोदी को एक पत्र में लिखा कि पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिक, जो देश के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए हैं, भाजपा शासित राज्यों में नियमित रूप से भेदभाव का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये श्रमिक अपनी आजीविका के लिए मेहनत कर रहे हैं और देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
हालांकि, उन्हें हिंसा, घृणा और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है, जो अत्यंत चिंताजनक है।
भाषा के आधार पर भेदभाव
चौधरी ने यह भी कहा कि उनका एकमात्र अपराध यह है कि वे बंगाली भाषा बोलते हैं, जिसके कारण प्रशासन उन्हें बांग्लादेशी घुसपैठिया मान लेता है। उन्होंने लिखा कि यह विडंबनापूर्ण है कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी बांग्लाभाषियों और बांग्लादेशियों में कोई भेद नहीं करते।
बिना किसी अपराध के उन्हें जेलों में डालना एक गंभीर अन्याय है। उन्होंने ओडिशा के संबलपुर जिले में हाल ही में पीट-पीटकर मारे गए 19 वर्षीय प्रवासी मजदूर ज्वेल शेख का भी उल्लेख किया और प्रधानमंत्री से अपील की कि वे सभी राज्य सरकारों को इस भेदभाव और हिंसा को रोकने के लिए जागरूक करें।
प्रधानमंत्री का आश्वासन
बैठक के बाद, चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे उठाए गए मुद्दों पर ध्यान देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में प्रवासी श्रमिकों पर अत्याचार हो रहे हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री से इसे रोकने के लिए कदम उठाने की अपील की।
