अज्ञात आतंकवादियों द्वारा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में सरकारी स्कूल पर बमबारी

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक सरकारी उच्च विद्यालय को अज्ञात आतंकवादियों ने बम से उड़ा दिया। इस हमले में कई कक्षाएं ढह गईं, लेकिन किसी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली। पिछले एक दशक में, इस प्रकार के हमलों में 450 से अधिक स्कूल नष्ट हो चुके हैं। लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ सक्रिय आतंकवादी समूहों के कारण यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है। इस घटना ने एक बार फिर से लड़कियों की शिक्षा के अधिकारों पर खतरे की घंटी बजाई है।
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अज्ञात आतंकवादियों द्वारा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में सरकारी स्कूल पर बमबारी

खैबर पख्तूनख्वा में बमबारी की घटना

स्थानीय पुलिस ने बताया कि शुक्रवार (6 जून 2025) की सुबह खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक सरकारी उच्च विद्यालय को अज्ञात आतंकवादियों ने बम से उड़ा दिया। यह घटना टैंक जिले के गुल इमाम पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में स्थित अकबारी गांव में हुई, जहां बम विस्फोट के कारण स्कूल की कई कक्षाएं ढह गईं।


जिम्मेदारी का कोई दावा नहीं

इस बमबारी की जिम्मेदारी अभी तक किसी समूह ने नहीं ली है। हालांकि, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कुछ उपसमूह, जो टैंक जिले में सक्रिय हैं, लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ हैं और उनके स्कूलों को निशाना बनाते हैं।


पिछले एक दशक में स्कूलों पर हमले

पिछले दस वर्षों में, स्थानीय गैर सरकारी संगठनों ने रिपोर्ट किया है कि इस प्रकार के हमलों में प्रांत में 450 से अधिक स्कूल नष्ट हो चुके हैं, जिसके परिणामस्वरूप छात्र या तो स्कूल जाना बंद कर चुके हैं या नष्ट हुई इमारतों के पास कक्षाएं ले रहे हैं।


लड़कियों के स्कूलों पर हमले

2019 तक, पाकिस्तान में लड़कियों के स्कूलों पर बार-बार हमले हुए, विशेष रूप से स्वात घाटी और उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान के पूर्व जनजातीय क्षेत्रों में, जहां पाकिस्तानी तालिबान की मजबूत उपस्थिति थी।


मलाला यूसुफजई का मामला

2012 में, विद्रोहियों ने एक किशोर कार्यकर्ता और छात्र मलाला यूसुफजई पर हमला किया, जिन्होंने लड़कियों की शिक्षा के समर्थन में अपने कार्य के लिए अंततः नोबेल शांति पुरस्कार जीता।