अजित पवार की विवादास्पद टिप्पणी पर सफाई, चुनावी फंड का किया जिक्र

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मालेगांव में अपनी विवादास्पद टिप्पणी पर स्पष्टीकरण दिया है, जिसमें उन्होंने वोटर्स और फंड का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह कोई धमकी नहीं थी। विपक्ष ने इस बयान की कड़ी आलोचना की है, जबकि पवार ने अपने उद्देश्य को क्षेत्र के विकास के रूप में बताया। जानें इस मामले में क्या कहा उनके सहयोगियों ने और विपक्ष की प्रतिक्रिया क्या रही।
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अजित पवार की विवादास्पद टिप्पणी पर सफाई, चुनावी फंड का किया जिक्र

अजित पवार का बयान और विवाद

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मालेगांव में अपने द्वारा की गई एक विवादास्पद टिप्पणी पर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा, 'आपके पास वोट हैं, और मेरे पास फंड है।' इस बयान के बाद विवाद उत्पन्न हुआ, जिसके चलते उन्होंने स्पष्ट किया कि यह किसी प्रकार की धमकी नहीं थी।


चुनाव प्रचार के दौरान की गई टिप्पणी

शुक्रवार को मालेगांव नगर पंचायत चुनाव के प्रचार के दौरान, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के नेता पवार ने कहा कि वह तब ही फंड जारी करेंगे जब उनकी पार्टी के सभी 18 उम्मीदवार चुनाव में जीत हासिल करेंगे। उन्होंने यह भी कहा, 'यदि आप मेरे उम्मीदवारों को 'काट' देंगे, तो मैं भी (फंड) 'काट' दूंगा।' इस बयान की विपक्ष ने कड़ी आलोचना की।


पवार का नरम रुख

रविवार को, पवार ने अपने रुख को नरम करते हुए कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र का विकास करना है। उन्होंने आलोचना को नजरअंदाज करते हुए कहा कि चुनाव से पहले हर नेता वादे करता है, इसलिए उनके बयान को धमकी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।


सहयोगियों का समर्थन

सत्ताधारी गठबंधन में उनके सहयोगी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मामले को हल्का करते हुए कहा कि चुनाव के दौरान ऐसी बातें सामान्य हैं और इसका कोई विशेष अर्थ नहीं है।


विपक्ष की प्रतिक्रिया

हालांकि, विपक्ष ने पवार के बयान को मतदाताओं को धमकाने वाला करार दिया। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता अंबादास दानवे ने सवाल उठाया कि जब एक वरिष्ठ नेता मतदाताओं को धमका रहा है, तो चुनाव आयोग क्या कर रहा है। कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने भी इस बयान की निंदा की, यह कहते हुए कि फंड जनता के टैक्स का पैसा है, न कि पवार का निजी धन। नगर पंचायत चुनाव 2 दिसंबर को होने वाले हैं।