अजित पवार का 66वां जन्मदिन: महाराष्ट्र की राजनीति में उनकी भूमिका
आज, 22 जुलाई को, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार अपना 66वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस अवसर पर, हम उनके जीवन और राजनीतिक सफर पर एक नजर डालते हैं। अजित पवार ने सहकारी संस्थाओं से लेकर विधान परिषद तक का सफर तय किया है और कई बार सत्ता के समीकरणों को बदलने में सफल रहे हैं। उनके साहसिक निर्णयों ने उन्हें एक प्रमुख राजनीतिक धुरी बना दिया है। जानें उनके जीवन की कुछ खास बातें और उनके राजनीतिक सफर की कहानी।
Jul 22, 2025, 12:17 IST
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अजित पवार का जन्मदिन
महाराष्ट्र की राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में 22 जुलाई की तारीख विशेष महत्व रखती है। आज, 22 जुलाई को, उप मुख्यमंत्री अजित पवार अपना 66वां जन्मदिन मना रहे हैं। अजित पवार एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने कई दशकों तक सत्ता के गलियारों में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई है। उनकी दूरदर्शिता ने कई बार सत्ता के समीकरणों को बदल दिया है। आइए, उनके जन्मदिन के अवसर पर डिप्टी सीएम अजित पवार के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियों पर नजर डालते हैं...
जन्म और प्रारंभिक जीवन
अजित पवार का जन्म 22 जुलाई 1959 को अहमदनगर के देओली प्रवरा गांव में हुआ था। वर्तमान में, वे छठी बार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में कार्यरत हैं। डिप्टी सीएम की भूमिका केवल सत्ता की कहानी नहीं है, बल्कि यह जमीनी जुड़ाव, व्यावहारिक नेतृत्व और राजनीतिक दृष्टि का भी प्रतीक है। अजित पवार को 'दादा' के नाम से भी जाना जाता है।
राजनीतिक यात्रा
अजित पवार ने अपने करियर की शुरुआत सहकारी संस्थाओं में की थी। लेकिन 1991 में विधान परिषद सदस्य के रूप में उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति में औपचारिक कदम रखा। इसके बाद, उन्होंने लगातार विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की और विभिन्न सरकारों का हिस्सा बने। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। उनके राजनीतिक सफर की एक खास बात यह है कि वे हमेशा प्रशासन की गति को बढ़ाने और निर्णयों में स्पष्टता रखने के पक्षधर रहे हैं।
हालांकि, 02 जुलाई 2023 को जो घटनाक्रम हुआ, उसने न केवल राज्य की राजनीति को हिलाकर रख दिया, बल्कि अजित पवार ने यह भी साबित कर दिया कि वे केवल शरद पवार के भतीजे नहीं हैं, बल्कि खुद एक राजनीतिक धुरी हैं। जब उन्होंने चाचा और एनसीपी के संस्थापक शरद पवार से अलग होकर बीजेपी-शिवसेना सरकार के साथ गठबंधन किया, तो एक नए अजित पवार का उदय हुआ।
छठी बार उप मुख्यमंत्री
अजित पवार एक ऐसे नेता हैं, जो अपनी राजनीतिक सोच के आधार पर निर्णय लेते हैं। चाहे उन्हें कितनी भी आलोचना का सामना करना पड़े, वे अपने फैसलों से पीछे नहीं हटते। उनका यह कदम समर्थकों के लिए साहसिक था, जबकि विरोधियों के लिए यह एक धोखा साबित हुआ। लेकिन राजनीति में वही निर्णय महत्वपूर्ण होते हैं, जो सत्ता की दिशा को निर्धारित करते हैं। ऐसा अजित पवार ने कर दिखाया। दिसंबर 2024 में, जब फडणवीस के नेतृत्व में नई सरकार बनी, तो अजित पवार छठी बार उप-मुख्यमंत्री बने।