अजिंक्य रहाणे का चयनकर्ताओं के लिए नया सुझाव: हाल में संन्यास लेने वाले खिलाड़ी बनें चयनकर्ता

रहाणे का चयनकर्ताओं के लिए नया नियम
भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे अजिंक्य रहाणे ने चयनकर्ताओं की नियुक्ति के लिए एक नया नियम पेश करने की इच्छा जताई है। उनका मानना है कि केवल उन खिलाड़ियों को चयनकर्ता बनाया जाना चाहिए जिन्होंने हाल ही में क्रिकेट से संन्यास लिया हो। ऐसे खिलाड़ी टीम और खिलाड़ियों के बारे में अधिक जानकारी रखते हैं। वर्तमान मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने 2013 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था। यदि यह नियम लागू होता है, तो सबसे पहले उनकी कुर्सी जाएगी। रहाणे ने यह भी स्पष्ट किया कि यह नियम विशेष रूप से घरेलू क्रिकेट में लागू होना चाहिए।
वर्तमान चयन नीति
वर्तमान में, किसी भी क्रिकेटर को जो प्रथम श्रेणी के 10 मैचों का अनुभव रखता है, राज्य चयनकर्ता बनने के लिए आवेदन करने की अनुमति है, बशर्ते कि उसने कम से कम पांच साल पहले संन्यास लिया हो। रहाणे ने कहा कि चयनकर्ताओं की मानसिकता और दृष्टिकोण को क्रिकेट की वर्तमान गति के अनुरूप होना चाहिए।
चेतेश्वर पुजारा के साथ चर्चा
रहाणे ने अपने पूर्व साथी चेतेश्वर पुजारा के साथ यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान कहा, "खिलाड़ियों को चयनकर्ताओं से डरने की आवश्यकता नहीं है। हमें ऐसे चयनकर्ताओं की आवश्यकता है जिन्होंने हाल में उच्च स्तर की क्रिकेट से संन्यास लिया हो।" उन्होंने यह भी कहा कि क्रिकेट के विकास के साथ चयनकर्ताओं की सोच को भी बदलना चाहिए।
आधुनिक क्रिकेट की समझ
रहाणे ने कहा कि टी20 और आईपीएल जैसे प्रारूपों में आधुनिक क्रिकेट की शैली को समझना आवश्यक है। उनका मानना है कि चयनकर्ताओं को सभी राज्यों से होना चाहिए और खिलाड़ियों को मैदान पर निडर होकर खेलना चाहिए। पुजारा ने रहाणे के दृष्टिकोण से आंशिक रूप से सहमति जताई, लेकिन इस मुद्दे पर संतुलित राय रखी।
पुजारा की राय
पुजारा ने कहा, "बड़े राज्यों में इसे लागू किया जा सकता है क्योंकि उनके पास अधिक विकल्प हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि किसी भी पूर्व क्रिकेटर को इस अवसर से वंचित किया जाना चाहिए, भले ही उसने पहले संन्यास लिया हो और उसका रिकॉर्ड शानदार रहा हो।" रहाणे और पुजारा दोनों का मानना है कि सीनियर टेस्ट टीम के चयन में घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन को उचित महत्व दिया जाना चाहिए।