अजहरुद्दीन का तेलंगाना मंत्रिमंडल में शामिल होना संभव, अल्पसंख्यक समुदाय का पहला प्रतिनिधित्व

कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को तेलंगाना मंत्रिमंडल में शामिल करने की संभावना है, जिससे वे अल्पसंख्यक समुदाय से पहले मंत्री बन सकते हैं। इस निर्णय का महत्व जुबली हिल्स उपचुनाव में मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका से भी जुड़ा है। क्या यह कदम कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित होगा? जानें पूरी कहानी में।
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अजहरुद्दीन का तेलंगाना मंत्रिमंडल में शामिल होना संभव, अल्पसंख्यक समुदाय का पहला प्रतिनिधित्व

तेलंगाना मंत्रिमंडल में संभावित बदलाव

अजहरुद्दीन का तेलंगाना मंत्रिमंडल में शामिल होना संभव, अल्पसंख्यक समुदाय का पहला प्रतिनिधित्व

मोहम्मद अजहरुद्दीन

कांग्रेस के नेता और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को तेलंगाना मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। वर्तमान में मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में 15 सदस्यीय मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यकों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। मंत्रिमंडल में तीन और सदस्यों के लिए स्थान खाली है। तेलंगाना विधानसभा में कुल 119 विधायक हैं। यदि अजहरुद्दीन को मंत्री बनाया जाता है, तो यह एक महत्वपूर्ण निर्णय होगा।

कांग्रेस पार्टी जुबली हिल्स उपचुनाव में सक्रिय रूप से जुटी हुई है, जहां एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह उपचुनाव बीआरएस विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के कारण हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तेलंगाना कांग्रेस ने पार्टी आलाकमान से अजहरुद्दीन को मंत्रिमंडल में शामिल करने का अनुरोध किया है। वर्तमान में मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यकों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। एआईसीसी ने भी उनके नाम को मंजूरी दे दी है, और शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार को होने की संभावना है।

अल्पसंख्यक समुदाय का पहला प्रतिनिधित्व

यदि अजहरुद्दीन को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, तो वे रेवंत रेड्डी के मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले पहले मंत्री बनेंगे। एक अन्य कांग्रेस नेता ने सुझाव दिया कि एआईसीसी का समर्थन आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से भी जुड़ा हो सकता है, जहां मुस्लिम मतदाता एक महत्वपूर्ण वर्ग हैं।

अजहरुद्दीन को पिछले हफ्ते अगस्त में तेलंगाना सरकार द्वारा राज्यपाल कोटे के तहत विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) के रूप में नामित किया गया था, लेकिन राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने अभी तक इस नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी है। उन्होंने 2023 के चुनावों में जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। इस स्थिति में पार्टी इस दांव पर काम कर रही है।