अग्निवीर भर्ती में ITI-डिप्लोमा धारकों को प्राथमिकता: जानें कारण

अग्निवीर भर्ती योजना में ITI-डिप्लोमा धारकों को प्राथमिकता देने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। इस योजना के तहत भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना में तकनीकी युवाओं की आवश्यकता बढ़ रही है। जानें कैसे यह भर्ती प्रक्रिया बदल रही है और क्यों ITI-डिप्लोमा धारक इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
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अग्निवीर भर्ती में ITI-डिप्लोमा धारकों को प्राथमिकता: जानें कारण

अग्निवीर भर्ती योजना का परिचय

अग्निवीर भर्ती में ITI-डिप्लोमा धारकों को प्राथमिकता: जानें कारण

अग्निवीर भर्तीImage Credit source: Getty image

अग्निवीर भर्ती योजना: यह योजना 2022 में शुरू की गई थी। अग्निवीर योजना के तहत भर्ती होने वाला पहला बैच अगले वर्ष सेवानिवृत्त होगा। इस दौरान, अग्निवीर भर्ती में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इसके साथ ही, अग्निवीर भर्ती की संख्या बढ़ाने की योजना भी बनाई जा रही है। इस योजना के तहत ITI-डिप्लोमा धारकों को सामान्य कैंडिडेट्स की तुलना में प्राथमिकता दी जा रही है। इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं।


ITI-डिप्लोमा धारकों को प्राथमिकता क्यों?

आइए जानते हैं कि अग्निवीर भर्ती में ITI-डिप्लोमा धारकों को प्राथमिकता क्यों दी जा रही है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि कैसे ये कैंडिडेट्स भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिए आवश्यक हो गए हैं।


सेना में तकनीकी युवाओं की आवश्यकता

वास्तव में, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना को सामान्य जीडी कैंडिडेट्स के साथ-साथ तकनीकी कैंडिडेट्स की भी आवश्यकता होती है। खासकर, भारतीय नौसेना और वायुसेना को 50 प्रतिशत से अधिक तकनीकी युवाओं की आवश्यकता होती है। अब सेना भर्ती का स्वरूप बदल गया है और तीनों सेनाएं अग्निवीर भर्ती पर जोर दे रही हैं, इसलिए ITI-डिप्लोमा धारकों को प्राथमिकता दी जा रही है।


प्रशिक्षण की समस्या का समाधान

अग्निवीर भर्ती योजना शुरू होने से पहले, भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना सामान्य भर्ती के बाद कैंडिडेट्स को तकनीकी प्रशिक्षण देती थी। लेकिन अब अग्निवीर भर्ती योजना के तहत अधिक भर्तियां हो रही हैं, जिनका कार्यकाल केवल 4 साल का होता है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, ITI-डिप्लोमा धारकों को प्राथमिकता दी जा रही है।


1 लाख अग्निवीरों की भर्ती की योजना

भारतीय सेना के तीनों अंग, यानी भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना, अग्निवीर भर्ती योजना के तहत हर साल 40 से 45 कैंडिडेट्स की भर्ती कर रहे हैं। इनमें से 25 प्रतिशत को नियमित किया जाएगा, जबकि 75 प्रतिशत रिटायर हो जाएंगे। लेकिन अब हर साल 1 लाख अग्निवीरों की भर्ती की योजना पर काम किया जा रहा है, ताकि भारतीय सेना में जवानों की कमी को पूरा किया जा सके।


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