अखिलेश यादव ने संविधान संशोधन विधेयक पर भाजपा को घेरा
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर संविधान (130वां संशोधन) विधेयक को लेकर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे कानून बनाने वाली सरकारें लंबे समय तक नहीं टिक पाईं। यादव ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह की टिप्पणियों का जवाब देते हुए तानाशाही सरकारों के उदाहरण दिए और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जेल में रहने वाले नेता देश नहीं चला सकते। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और क्या है विपक्ष का दृष्टिकोण।
Aug 25, 2025, 16:21 IST
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संविधान संशोधन विधेयक पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने सोमवार को संविधान (130वां संशोधन) विधेयक पर भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में जिन सरकारों ने ऐसे कानून बनाए, वे लंबे समय तक नहीं टिक पाईं। केंद्रीय मंत्री अमित शाह की उस टिप्पणी का जवाब देते हुए, जिसमें उन्होंने गंभीर अपराधों में 30 दिन से अधिक जेल में रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने का प्रस्ताव रखा था, यादव ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से तानाशाही सरकारें ऐसे कानून लाती रही हैं ताकि वे सत्ता में बनी रहें। उन्होंने इटली, जर्मनी और रूस का उदाहरण देते हुए कहा कि ये सरकारें अंततः असफल रहीं। इसके साथ ही, उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके खिलाफ मामलों को वापस ले लिया है।
अमित शाह का विपक्ष पर हमला
अखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग दूसरों के लिए गड्ढा खोदते हैं, वे खुद उसमें गिरते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने ईडी बनाई थी, उन्हें भी जेल जाना पड़ा। जब यूपी के मुख्यमंत्री ने उनके और उप-मुख्यमंत्री के खिलाफ मामले वापस ले लिए, तब उनकी ईमानदारी कहाँ थी? इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों द्वारा संविधान (130वें संशोधन) विधेयक के खिलाफ किए जा रहे विरोध पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह विचार कि देश उस व्यक्ति के बिना नहीं चल सकता जो जेल में है, पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
संसद में विपक्ष ने इस विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि यह सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने और गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों को फंसाने का एक तरीका है। अमित शाह ने एक साक्षात्कार में कहा कि क्या कोई मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री या नेता जेल से देश चला सकता है? क्या यह हमारे लोकतंत्र की गरिमा के अनुकूल है?
भाजपा का दृष्टिकोण
उन्होंने आगे कहा कि आज भी भाजपा यह कोशिश कर रही है कि अगर उन्हें कभी जेल जाना पड़ा, तो वे जेल से ही सरकार चला सकेंगे। जेल को मुख्यमंत्री आवास या प्रधानमंत्री आवास बना दिया जाएगा। मेरी पार्टी और मैं इस विचार को पूरी तरह से खारिज करते हैं कि इस देश पर उस व्यक्ति के बिना शासन नहीं किया जा सकता जो वहाँ बैठा है। इससे संसद या विधानसभा में किसी के बहुमत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एक सदस्य जाएगा, लेकिन पार्टी के अन्य सदस्य सरकार चलाएँगे, और जब उन्हें ज़मानत मिलेगी, तो वे वापस आकर शपथ ले सकते हैं।
संविधान (130वाँ संशोधन) विधेयक की संयुक्त रूप से जाँच के लिए एक समिति बनाई जाएगी, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होंगे।