अखिलेश यादव ने वाराणसी चौड़ीकरण परियोजना की आलोचना की
चौड़ीकरण परियोजना पर उठे सवाल
वाराणसी में चल रही चौड़ीकरण परियोजना विवादों में घिर गई है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इस अभियान की तीखी आलोचना की है, इसे राजनीतिक प्रेरणा से संचालित बताया है। उन्होंने स्थानीय निवासियों पर पड़ने वाले प्रभावों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र में विरासत की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए अधिकारियों से इस कार्य को रोकने का अनुरोध किया। उनका कहना है कि यह चौड़ीकरण योजना ऐतिहासिक धरोहर की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक विनाश के लिए है।
अखिलेश ने कहा कि बनारस को क्योटो जैसा बनाने का वादा किया गया था, और उन्हें उस समय प्रधानमंत्री के साथ भोजन करने का अवसर भी मिला था। लेकिन अब दालमऊ मंडी के लोग धमकाए जा रहे हैं, और 'फूट डालो और राज करो' की स्थिति उत्पन्न की जा रही है। उन्होंने मांग की कि इस राजनीतिक विनाश को तुरंत समाप्त किया जाए।
अधिकारियों के रवैये पर सवाल
अखिलेश ने अधिकारियों से अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जो लोग यह सब कर रहे हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि उनके कार्यों का क्या प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केवल दर्द और परेशानी पैदा की जा रही है, जिससे लोगों को नुकसान हो रहा है।
उन्होंने सुझाव दिया कि इस विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल और विरासत क्षेत्र को बिना किसी तोड़फोड़ के संरक्षित किया जाना चाहिए। प्रभावित लोगों की चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विदेशों में विकास की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दालमऊ मंडी के लोगों को इस तरह से नहीं पीसना चाहिए, और यदि उन्हें मुआवजे के रूप में एक दुकान भी दी जाती है, तो ग्राहक कहां से आएंगे?
विकास कार्यों का श्रेय समाजवादी पार्टी को
अखिलेश ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में चल रहे सभी विकास कार्य उनकी पार्टी की नीतियों का परिणाम हैं। उन्होंने बताया कि आज उत्तर प्रदेश में सभी मेट्रो ट्रेनें और निर्माणाधीन ट्रेनें समाजवादी पार्टी की देन हैं, और वाराणसी में मेट्रो निर्माण की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भी उनकी सरकार ने तैयार की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने वाराणसी के विकास को रोक दिया है।
