अखिलेश यादव ने जाति जनगणना और शिवाजी महाराज के संग्रहालय पर की चर्चा
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने जाति जनगणना के महत्व पर जोर दिया और कहा कि यह 2027 में पीडीए सरकार के तहत ही सही तरीके से होगी। उन्होंने आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज के अधूरे संग्रहालय को पूरा करने और लखनऊ में उनकी भव्य प्रतिमा स्थापित करने की योजना का भी उल्लेख किया। इस बीच, उत्तर प्रदेश विधानसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों की स्थिति पर भी चर्चा हुई।
Jun 6, 2025, 20:06 IST
|

जाति जनगणना का महत्व
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि जाति जनगणना 2027 में पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) सरकार के तहत ही प्रभावी ढंग से की जाएगी। मीडिया से बातचीत करते हुए यादव ने कहा कि केवल 2027 में पीडीए सरकार के दौरान ही यह जनगणना सही तरीके से संपन्न होगी। इसके साथ ही, उन्होंने आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज के अधूरे संग्रहालय का भी जिक्र किया, जिसे समाजवादी पार्टी की सरकार पूरा करने का वादा कर रही है। इसके अलावा, लखनऊ में शिवाजी महाराज की एक भव्य प्रतिमा स्थापित करने की योजना भी है।
शिवाजी महाराज के प्रति सम्मान
अखिलेश यादव ने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे महान व्यक्तित्व के सम्मान में आगरा में एक अधूरा संग्रहालय है, जिसके वास्तुकार विश्व प्रसिद्ध हैं। हम समाजवादी पार्टी न केवल उनके नाम पर संग्रहालय बनाएंगे, बल्कि लखनऊ रिवरफ्रंट पर शिवाजी महाराज की एक भव्य प्रतिमा भी स्थापित करेंगे; उनका सिंहासन सोने का होगा। समाजवादी पार्टी 2027 में भी उन्हें इसी तरह सम्मानित करेगी।" उत्तर प्रदेश में 2027 का विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच मुख्य मुकाबला होगा। कांग्रेस के सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने की संभावना है।
विधानसभा में वर्तमान स्थिति
उत्तर प्रदेश विधानसभा में वर्तमान में 403 निर्वाचित सदस्य हैं, जिनमें से 258 भारतीय जनता पार्टी, 107 समाजवादी पार्टी और 13 अपना दल के हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय लोक दल के नौ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह, निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के पांच, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और कांग्रेस के दो-दो और बहुजन समाज पार्टी का केवल एक प्रतिनिधि है। इससे पहले, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नालंदा के राजगीर में 'संविधान सभा' में भाग लिया। सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने जाति जनगणना की आवश्यकता पर जोर दिया और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुख की आलोचना की।