अखिलेश यादव का दीपोत्सव पर विवादित बयान, भाजपा ने किया पलटवार

अखिलेश यादव की टिप्पणी पर बवाल

अयोध्या में दीपोत्सव 2025 की तैयारियों के बीच समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इस आयोजन को लेकर एक विवादास्पद टिप्पणी की है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि इस पर इतना खर्च क्यों किया जा रहा है। उनके इस बयान पर भाजपा ने तुरंत प्रतिक्रिया दी, समाजवादी पार्टी पर राम मंदिर आंदोलन के खिलाफ होने और “अंतरधार्मिक विरोधी” दृष्टिकोण का आरोप लगाया।
दीपोत्सव की भव्यता
दीपोत्सव के आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस उत्सव में शहर को 26 लाख दीयों, 2,100 वैदिक विद्वानों, 1,100 ड्रोन और 33,000 स्वयंसेवकों की मदद से सजाया जाएगा। यह आयोजन धार्मिक भक्ति के साथ-साथ तकनीकी और सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत प्रदर्शन भी है।
यादव ने कहा, “दुनिया भर में, क्रिसमस पर शहर महीनों तक रोशन रहते हैं। हमें उनसे सीखना चाहिए। हमें दीयों और मोमबत्तियों पर इतना पैसा क्यों खर्च करना चाहिए?” भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “एक ऐसी पार्टी जिसने राम मंदिर आंदोलन का विरोध किया, अब दीपोत्सव की सजावट का विरोध कर रही है। जब उन्होंने सैफई उत्सव मनाया, तो आम जनता को कोई लाभ नहीं हुआ, लेकिन अयोध्या में हजारों छोटे विक्रेताओं की जीविका प्रभावित हो रही है।”
दीपोत्सव का विशेष आकर्षण
अयोध्या का दीपोत्सव हर साल नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है। इस साल यह आयोजन 17 अक्टूबर से शुरू होकर 18 अक्टूबर को 56 घाटों पर 26,11,101 दीयों के साथ अपने चरम पर पहुंचेगा। इस उत्सव में रोशनी के साथ-साथ संगीत, भक्ति और आधुनिक तकनीक का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलेगा।
इस वर्ष का विशेष आकर्षण:
दीपक संख्या- 26,11,101
वैदिक विद्वान- 2,100
ड्रोन- 1,100
स्वयंसेवक- 33,000
इस वर्ष समारोह राम की पैड़ी के अलावा नए विकसित घाटों जैसे राजघाट, गुप्तरघाट और लक्ष्मण किला घाट तक विस्तारित है। सड़कों, मंदिर मार्गों और सार्वजनिक स्थलों को विशेष रूप से सजाया गया है, जिससे पूरे शहर में भव्य प्रकाश व्यवस्था देखने को मिल रही है।
स्वयंसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका
33,000 स्वयंसेवक, जिनमें छात्र, स्थानीय युवा, शिक्षक और सामाजिक समूह शामिल हैं, दीपकों की सजावट और आयोजन की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। यह टीम यह सुनिश्चित करती है कि हर दीपक सही स्थान पर रखा जाए और दर्शक सुरक्षित रूप से आयोजन का आनंद ले सकें।