अखंड भारत: एक ऐतिहासिक दृष्टिकोण

अखंड भारत की अवधारणा एक ऐतिहासिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है, जिसमें प्राचीन भारत की भौगोलिक और सांस्कृतिक सीमाओं का वर्णन किया गया है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे विभिन्न देश, जैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश, इस विशाल भूखंड से अलग हुए और उनके पीछे की ऐतिहासिक घटनाएं क्या थीं। इसके अलावा, हम यह भी देखेंगे कि आज भी ये देश भारतीय संस्कृति से कैसे जुड़े हुए हैं।
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अखंड भारत: एक ऐतिहासिक दृष्टिकोण

अखंड भारत की परिकल्पना

नए संसद भवन में स्थापित अखंड भारत की प्रतिमा ने वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है। भारत में कई संगठन इस विशाल भारत के सपने को संजोए हुए हैं, और उनका विश्वास है कि एक दिन देश अपनी प्राचीन सीमाओं को पुनः प्राप्त करेगा। आइए, हम विस्तार से समझते हैं कि अखंड भारत का अर्थ क्या है और इसमें वर्तमान में कौन-कौन से देश शामिल थे।


अखंड भारत का विस्तृत स्वरूप

अखंड भारत उस गौरवमयी भारत को दर्शाता है, जिसकी भौगोलिक और सांस्कृतिक सीमाएं प्राचीन काल में बहुत विस्तृत थीं। यह केवल एक राजनीतिक इकाई नहीं, बल्कि एक सभ्यतागत अवधारणा थी, जो विभिन्न भूभागों को एक साझा पहचान में बांधती थी। आज के विश्व मानचित्र पर कई संप्रभु देश हैं, जो कभी इस अखंड भारत का हिस्सा थे। आमतौर पर लोग पाकिस्तान और बांग्लादेश के बारे में जानते हैं, लेकिन इतिहास के पन्नों को पलटने पर यह स्पष्ट होता है कि 1857 से 1947 के बीच कई अन्य राष्ट्र भी इस विशाल भारतीय भूखंड से अलग हुए और अपनी स्वतंत्र पहचान बनाने लगे। यह विभाजन केवल राजनीतिक नहीं था, बल्कि इसने सांस्कृतिक और सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित किया।


अखंड भारत से हुए प्रमुख विभाजन

चंद्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक जैसे महान शासकों के समय में भारत की सीमाएं वर्तमान कई देशों तक फैली हुई थीं, जो इसके विशाल स्वरूप को दर्शाती हैं। प्राचीन भारत को कुछ विद्वान अखंड हिंदुस्तान या विशाल भारत के रूप में भी संदर्भित करते हैं। इस प्राचीन भारत में आज के अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और तिब्बत जैसे कई देश शामिल थे। इन देशों की अपनी अलग पहचान और इतिहास होने के बावजूद, वे कभी भारतीय उपमहाद्वीप के सांस्कृतिक और भौगोलिक दायरे में आते थे।


ऐतिहासिक समयरेखा: कब अलग हुए कौन से देश?

अखंड भारत से अलग होने वाले देशों की एक लंबी ऐतिहासिक समयरेखा है। अफगानिस्तान की बात करें, तो 18वीं सदी में अहमद शाह अब्दाली ने इसे एक स्वतंत्र देश के रूप में स्थापित किया। 1937 में, आज का म्यांमार, जिसे पहले बर्मा के नाम से जाना जाता था, उसे अखंड भारत से अलग कर दिया गया। नेपाल और भूटान भी इस अखंड भारत से टूटकर अलग हुए राष्ट्र हैं। 1814 से 1816 के गोरखा युद्ध के बाद नेपाल ने सिक्किम, कुमाऊं, गढ़वाल और तराई के कुछ हिस्सों को ब्रिटिश भारत को सौंप दिया था, जिसके बाद उसकी मौजूदा सीमाएं तय हुईं। तिब्बत का कुछ हिस्सा भी पहले भारत के अंतर्गत आता था, लेकिन 1950 में चीन ने तिब्बत पर कब्ज़ा कर लिया।


सांस्कृतिक संबंध

हालांकि आज ये सभी देश भारत से भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग हो चुके हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि वे अभी भी सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भारतीय उपमहाद्वीप से गहरे जुड़े हुए हैं। उनके इतिहास, परंपराओं और लोगों के बीच भारतीय संस्कृति की गहरी छाप आज भी देखी जा सकती है।