अक्षर पटेल ने कप्तानी की धारणा को चुनौती दी

दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान अक्षर पटेल ने कप्तानी की पारंपरिक धारणा को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि पर्सनैलिटी और अंग्रेजी बोलने की क्षमता को कप्तानी का मापदंड मानना गलत है। अक्षर ने यह भी बताया कि कप्तान का असली काम खिलाड़ियों की ताकत और कमजोरियों को समझना है। उनकी इस सोच से यह स्पष्ट होता है कि कप्तानी में भाषा की दीवार नहीं होनी चाहिए। जानें, अक्षर पटेल ने और क्या कहा।
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अक्षर पटेल ने कप्तानी की धारणा को चुनौती दी

कप्तानी की नई परिभाषा

अक्षर पटेल ने कप्तानी की धारणा को चुनौती दी

नई दिल्ली: दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान और ऑलराउंडर अक्षर पटेल ने कप्तानी के बारे में आम धारणा पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि लोग अक्सर कप्तानी के लिए पर्सनैलिटी और अंग्रेजी बोलने की क्षमता को प्राथमिकता देते हैं। इस विषय पर उन्होंने एक अंग्रेजी समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में अपनी बात रखी, जिसमें उन्होंने कहा कि केवल अंग्रेजी न बोल पाने के कारण किसी को कप्तानी के लिए अयोग्य मान लेना गलत है।

अक्षर ने कहा कि कप्तानी का मतलब केवल बात करना नहीं है, बल्कि यह जानना है कि खिलाड़ियों की ताकत और कमजोरियां क्या हैं। उन्होंने कहा, 'कप्तान को यह समझना चाहिए कि किस खिलाड़ी से कैसे काम लेना है और मैच की परिस्थितियों के अनुसार गेंदबाजी का निर्णय कैसे लेना है।'

उन्होंने आगे कहा कि लोगों को अपनी सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है। यह धारणा कि केवल अच्छी पर्सनैलिटी और अंग्रेजी बोलने से कोई कप्तान बन सकता है, गलत है। अक्षर ने इस साल दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी की और उन्हें प्रशंसा मिली, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कप्तानी के लिए अन्य गुण भी महत्वपूर्ण हैं।

अक्षर ने यह भी कहा कि कप्तानी में भाषा की दीवार नहीं होनी चाहिए, और लोगों को इस पर ध्यान देना चाहिए।