अकेलापन: धूम्रपान के समान स्वास्थ्य के लिए खतरा

अकेलेपन का स्वास्थ्य पर प्रभाव
यदि आप एक लंबी और स्वस्थ जिंदगी जीने की इच्छा रखते हैं, तो आपको अकेलेपन से बचना चाहिए और दोस्तों के साथ समय बिताना चाहिए। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की जेरोंटोलॉजी की प्रोफेसर सारा हार्पर ने बताया कि सामाजिक संपर्क से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अकेलापन स्वास्थ्य पर उतना ही नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है जितना कि धूम्रपान।
अकेलेपन का धूम्रपान के समान प्रभाव
प्रोफेसर हार्पर के अनुसार, अकेलेपन का स्वास्थ्य पर प्रभाव रोजाना 15 सिगरेट पीने के समान है। उन्होंने यह भी बताया कि हमारी जीवनशैली में बदलाव करके हम उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में 60% तक सुधार कर सकते हैं। अकेलापन मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक है।
सामाजिक जुड़ाव का महत्व
प्रोफेसर हार्पर ने बताया कि समाज में सक्रिय रहना हमारी कोशिकाओं को उम्र बढ़ने के प्रभावों से बचाने में मदद करता है। उन्होंने इसे 'सेल और समाज' के बीच के संबंध के रूप में वर्णित किया। दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने से हमारी कोशिकाएं अधिक 'रेसिलिएंट' बन जाती हैं, जिससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
स्वास्थ्य के लिए सामाजिक जीवन
प्रोफेसर हार्पर ने स्वस्थ जीवनशैली के तीन महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर किया: 1. संतुलित आहार - पौष्टिक भोजन से शरीर को आवश्यक ऊर्जा और पोषण मिलता है। 2. नियमित व्यायाम - प्रतिदिन 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि उम्र बढ़ने के प्रभाव को कम कर सकती है। 3. सामाजिक सक्रियता - दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करता है।
अकेलापन: एक वैश्विक स्वास्थ्य खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पिछले वर्ष अकेलेपन को एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा बताया था। अमेरिका के सर्जन जनरल ने इसे वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में मान्यता दी, यह कहते हुए कि अकेलापन धूम्रपान के समान हानिकारक है।