अंकिता भंडारी हत्या मामले में न्यायालय का फैसला: तीनों आरोपी दोषी ठहराए गए

अंकिता भंडारी हत्या मामले में कोटद्वार की अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को विभिन्न धाराओं के तहत सजा दी गई है। अदालत ने पीड़िता के परिवार को मुआवजे का भी आदेश दिया। जानें इस मामले की पूरी कहानी और सजा का विवरण।
 | 
अंकिता भंडारी हत्या मामले में न्यायालय का फैसला: तीनों आरोपी दोषी ठहराए गए

अंकिता भंडारी हत्या मामले का फैसला

सितंबर 2022 में चर्चा में आए अंकिता भंडारी हत्या मामले में कोटद्वार की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार (30 मई) को अपना निर्णय सुनाया। उत्तराखंड के एक रिसॉर्ट के मालिक और दो कर्मचारियों को किशोरी रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की 2022 में हुई हत्या के लिए दोषी ठहराया गया। अदालत ने मुकदमा अपराध संख्या 1/22 में आईपीसी की धारा 302, 201, 354ए और अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम की धारा 3(1)(डी) के तहत फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।


सजा का विवरण इस प्रकार है-


1. पुलकित आर्य


धारा 302 आईपीसी (हत्या): कठोर आजीवन कारावास और 50,000 रुपये का जुर्माना


धारा 201 आईपीसी (साक्ष्य मिटाना): 5 साल कठोर कारावास और 10,000 रुपये का जुर्माना


धारा 354ए आईपीसी (यौन उत्पीड़न): 2 साल कठोर कारावास और 10,000 रुपये का जुर्माना


धारा 3(1)(डी) आईटीपीए (अनैतिक तस्करी रोकथाम अधिनियम): 5 साल कठोर कारावास और 2,000 रुपये का जुर्माना


2. सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता


धारा 302 आईपीसी: कठोर आजीवन कारावास और 50,000 रुपये का जुर्माना


धारा 201 आईपीसी: 5 साल कठोर कारावास और 10,000 रुपये का जुर्माना


धारा 3(1)(डी) आईटीपीए: 5 साल कठोर कारावास और 2,000 रुपये का जुर्माना


अदालत ने इसके अलावा पीड़िता अंकिता भंडारी के परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश भी दिया।


अंकिता भंडारी की हत्या का आरोप पुलकित आर्य पर है, जिसने अपने दोस्तों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर 18 सितंबर 2022 को उसे मार डाला। अंकिता का शव 24 सितंबर को ऋषिकेश में चिल्ला नहर से बरामद किया गया था। अधिकारियों के अनुसार, वह लापता होने से पहले कम से कम छह दिन तक गायब रही। मामले की जांच पुलिस उप महानिरीक्षक पी रेणुका देवी की अगुवाई में एसआईटी ने की थी। पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य, जो भाजपा नेता थे, को हत्या के मुख्य आरोपी के रूप में सामने आने के बाद पार्टी से निकाल दिया गया था। अंकिता का शव उसके हत्यारों द्वारा चिल्ला बैराज में फेंका गया था।