अंकिता भंडारी हत्या मामले में दोषियों को उम्रकैद, परिवार ने मांगी फांसी

अंकिता भंडारी हत्या मामले का फैसला
अंकिता भंडारी के हत्यारों को सजा मिल गई है। लगभग तीन वर्षों की सुनवाई के बाद, अदालत ने दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इनमें बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री का बेटा पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगी शामिल हैं। 19 वर्षीय अंकिता की लाश एक नहर में पाई गई थी। यह मामला इस बात का गवाह है कि कैसे एक युवा लड़की की हत्या की गई, सबूतों को मिटाने की कोशिश की गई, और बीजेपी नेता के संबंधों के कारण सरकार और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगे। आम जनता ने मिलकर इंसाफ की मांग की, लेकिन अंकिता की मां के अनुसार, यह इंसाफ अभी भी अधूरा है। सजा सुनाए जाने के बाद, अंकिता के दोषियों के चेहरे पर हंसी देखी गई।
भंडारी हत्या की शुरुआत
20 सितंबर 2022 को, वनंतरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने अंकिता के लापता होने की शिकायत की। जनता के आक्रोश के बाद, 22 सितंबर को मामला पुलिस को सौंपा गया। पूछताछ में पता चला कि पुलकित, अंकित और सौरभ ने 18 सितंबर को अंकिता की हत्या की। तीनों ने अंकिता पर अनैतिक कार्यों के लिए दबाव डाला और जब वह राजी नहीं हुई, तो उसे चीला नहर में धक्का दे दिया। पुलिस ने हत्या, सबूत छुपाने और आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया। 23 सितंबर को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 24 सितंबर को अंकिता का शव नहर से बरामद हुआ।
व्हाट्सएप चैट से खुलासा
अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में अंकिता और आरोपियों के बीच की व्हाट्सएप चैट पेश की। इन चैट्स से स्पष्ट होता है कि अंकिता आरोपियों के व्यवहार और उनके अश्लील प्रस्तावों से परेशान थी। एक चैट में उसने लिखा, "मैं गरीब हूं, लेकिन क्या मैं खुद को 10,000 में बेच दूंगी?" इससे उसकी मानसिक स्थिति का पता चलता है। उत्तराखंड सरकार ने अंकिता के परिवार को 25 लाख की आर्थिक सहायता दी। इस मामले में 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई और 97 गवाहों के बयान लिए गए।
दोषियों को उम्रकैद की सजा
कोटद्वार की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दोषी ठहराया। सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई और प्रत्येक पर ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया गया।
परिजनों की फांसी की मांग
अंकिता भंडारी के परिवार ने दोषियों को उम्रकैद की सजा के बाद इसे और आगे बढ़ाने की बात की है। अंकिता के माता-पिता ने कहा कि उन्हें भी मौत की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे हाई कोर्ट में अपील करेंगे।
दोषियों की मानसिकता
एक हंसती-खेलती लड़की का जीवन इन हत्यारों ने समाप्त कर दिया, लेकिन सजा मिलने के बाद भी उनके चेहरे पर कोई पछतावा नहीं था। जब पुलिस की गाड़ी में उन्हें ले जाया जा रहा था, तो एक दोषी विजयी मुद्रा में हाथ हिला रहा था। यह एक गंभीर मानसिकता का संकेत है, जो न तो अपराध का बोझ महसूस करती है और न ही इंसानियत की कोई कदर रखती है।