अंकिता भंडारी हत्या मामले में दोषियों को उम्रकैद, जानिए पूरा मामला

अंकिता भंडारी का मामला: एक दर्दनाक कहानी
17 सितंबर 2022 की रात लगभग 10 बजे, ऋषिकेश के एक रिसॉर्ट में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी ने अपने मित्र पुष्प को वॉट्सएप पर संदेश भेजा, जिसमें उसने रिसॉर्ट की गंदगी और अपने साथ हो रहे दुर्व्यवहार के बारे में लिखा। उसने कहा, "मैं गरीब हूं तो क्या 10 हजार में बिक जाऊं!"
इस चर्चित हत्या मामले में, 2 साल 8 महीने बाद, पौड़ी कोर्ट ने शुक्रवार को तीन दोषियों को कठोर उम्रकैद की सजा सुनाई। इनमें बीजेपी के पूर्व मंत्री का बेटा पुलकित आर्या भी शामिल है।

अंकिता भंडारी कौन थी और उसके हत्यारे कैसे पकड़े गए, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के डोभ श्रीकोट गांव से थीं। उनके पिता वीरेंद्र भंडारी एक सुरक्षा गार्ड हैं। अंकिता ने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया था, लेकिन कोविड के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी। इसके बाद उन्होंने काम की तलाश शुरू की।
अंकिता को अपने दोस्त पुष्प से पता चला कि ऋषिकेश के एक रिसॉर्ट में नौकरी की वैकेंसी है। उन्होंने आवेदन किया और रिसेप्शनिस्ट की नौकरी हासिल की। लेकिन पहली सैलरी मिलने से पहले ही, 18 सितंबर की रात को वह रिसॉर्ट से गायब हो गई।
अगले दिन जब अंकिता का कोई पता नहीं चला, तो उसके पिता ने रिसॉर्ट जाकर पूछताछ की। वहां से कोई जानकारी नहीं मिलने पर उन्होंने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। रिसॉर्ट का मालिक पुलकित आर्या था, जिसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की।
पुलिस की जांच में पता चला कि अंकिता 19 सितंबर को पुलकित, मैनेजर सौरभ और असिस्टेंट मैनेजर अंकित के साथ बाहर गई थी, लेकिन वह वापस नहीं आई। CCTV फुटेज ने इस बात की पुष्टि की।

पुलिस के अनुसार, पुलकित ने अंकिता से रिसॉर्ट के कुछ VIP मेहमानों को विशेष सेवाएं देने के लिए कहा था। जब अंकिता ने इसका विरोध किया, तो उसकी हत्या कर दी गई। 24 सितंबर को उसका शव चीला नहर से बरामद किया गया।
अंकिता की हत्या की प्रारंभिक जांच पर सवाल उठे, क्योंकि पुलकित, जो बीजेपी के पूर्व नेता का बेटा है, घटना के चार दिन बाद तक गिरफ्त में नहीं आया।
अंकिता का फोटो वायरल होने के बाद लोग सड़कों पर उतरे, तब पुलकित के परिवार ने उसे पुलिस के हवाले किया।

अंकिता के पिता ने आरोप लगाया कि रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलाकर सबूत मिटाने की कोशिश की गई। सरकारी अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया।
अंकिता ने अपने दोस्त को चैट में कई महत्वपूर्ण बातें बताई थीं, जो बाद में मामले में महत्वपूर्ण साबित हुईं।
30 जनवरी 2023 को कोटद्वार की अदालत में केस की पहली सुनवाई हुई। सरकारी वकील ने 500 पन्नों की चार्जशीट पेश की।
अंकिता ने 28 अगस्त 2022 को वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी शुरू की थी। रिसॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य था।
पुलकित, सौरभ और अंकित ने अंकिता पर विशेष सेवाएं देने का दबाव डाला। जब अंकिता ने इनकार किया, तो उन्होंने उसे रास्ते से हटाने का फैसला किया।
18 सितंबर को अंकिता को ऋषिकेश ले जाया गया, जहां उसकी हत्या कर दी गई।
पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और उन पर हत्या, सबूत मिटाने, और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
अंकिता के मामले में राजनीतिक पेंच भी फंसा रहा। अंततः, 30 मई 2025 को कोर्ट ने तीनों को दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुनाई।
अंकिता के पिता ने फांसी की मांग की है, और यह मामला अब उच्च न्यायालय में जा सकता है।