Vodafone Idea को अमेरिकी निवेश फर्म से मिल सकता है बड़ा सहारा

वोडाफोन आइडिया, जो कि भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है, गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही है। हाल ही में, अमेरिकी निवेश फर्म टिलमैन ग्लोबल होल्डिंग्स (TGH) ने Vi में 6 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है। हालांकि, यह निवेश भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले राहत पैकेज पर निर्भर करेगा। यदि यह डील सफल होती है, तो TGH कंपनी का स्वामित्व भी अपने हाथ में ले सकती है, जिससे वोडाफोन आइडिया के प्रबंधन में बड़ा बदलाव आ सकता है।
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Vodafone Idea को अमेरिकी निवेश फर्म से मिल सकता है बड़ा सहारा

वोडाफोन आइडिया की वित्तीय स्थिति

Vodafone Idea को अमेरिकी निवेश फर्म से मिल सकता है बड़ा सहारा

वोडाफोन आइडिया

Vodafone idea News: वोडाफोन आइडिया (Vi), जो कि भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है, लंबे समय से गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही है। कंपनी पर इतना कर्ज है कि इसके भविष्य को लेकर हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है। हालाँकि, अब ऐसा प्रतीत होता है कि इस संकट में फंसी कंपनी को एक महत्वपूर्ण सहारा मिलने वाला है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की एक प्रमुख निवेश फर्म, टिलमैन ग्लोबल होल्डिंग्स (TGH), Vi में लगभग 6 अरब डॉलर का निवेश करने पर विचार कर रही है, जो भारतीय मुद्रा में लगभग 53,232 करोड़ रुपये के बराबर है.


निवेश की शर्तें

यह मामला केवल निवेश तक सीमित नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, TGH न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, बल्कि इस टेलीकॉम कंपनी का स्वामित्व भी अपने हाथ में ले सकती है। यह खबर Vi के करोड़ों ग्राहकों और टेलीकॉम क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाली साबित हो सकती है। लेकिन इस डील के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त है, जो सीधे भारत सरकार से संबंधित है.


सरकार का राहत पैकेज

सरकार देगी पैकेज, तभी होगी डील

यह महत्वपूर्ण निवेश तभी संभव होगा जब भारत सरकार Vi को उसकी सभी बड़ी देनदारियों को निपटाने के लिए एक ठोस राहत पैकेज प्रदान करेगी। यह वोडाफोन आइडिया की डील का सबसे बड़ा मोड़ है। कंपनी पर एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) और स्पेक्ट्रम भुगतान से संबंधित भारी बकाया है। TGH चाहती है कि सरकार इन बकायों के समाधान के लिए एक स्पष्ट योजना बनाए.


TGH का प्रमोटर बनना

सूत्रों के अनुसार, यदि यह डील सफल होती है, तो TGH इस कंपनी के प्रमोटर बन जाएंगे। इसका अर्थ है कि वोडाफोन आइडिया का मौजूदा नियंत्रण आदित्य बिड़ला समूह और यूके की वोडाफोन पीएलसी के हाथों से निकलकर TGH के पास चला जाएगा, जिससे कंपनी के प्रबंधन और स्वामित्व में पूरी तरह से बदलाव होगा.


सरकार की हिस्सेदारी का भविष्य

क्या सरकार की 49% हिस्सेदारी ख़त्म होगी?

इस डील से जुड़ा सबसे बड़ा सवाल यह है कि भारत सरकार की भूमिका क्या होगी? वर्तमान में, भारत सरकार वोडाफोन आइडिया की सबसे बड़ी शेयरधारक है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 49% है। यदि TGH और वोडाफोन आइडिया के बीच सौदा फाइनल होता है, तो कंपनी पर भारत सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहेगा, हालांकि सरकार एक छोटी और निष्क्रिय निवेशक के रूप में बनी रह सकती है.


TGH की पुनर्गठन की योजना

TGH बकाया माफ़ नहीं, सिर्फ़ ‘पुनर्गठन’ चाहती है

रिपोर्ट के अनुसार, TGH की मांग बकाया राशि को पूरी तरह से माफ करने की नहीं है। फर्म का उद्देश्य इन देनदारियों को इस तरह से पुनर्गठित करना है कि कंपनी को कुछ समय के लिए वित्तीय राहत मिल सके। TGH ने इस संबंध में सरकार को एक विस्तृत प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया है.

TGH के पास टेलीकॉम ऑपरेटर को संकट से निकालने का अच्छा अनुभव है। इसके चेयरमैन और सीईओ संजीव आहूजा को 2003-2007 के दौरान फ्रेंच टेलीकॉम दिग्गज ऑरेंज को उबारने का श्रेय दिया जाता है. TGH पहले से ही डिजिटल और ऊर्जा परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में निवेश करती है और कई देशों में टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर में इसकी हिस्सेदारी है.