UPPSC PCS Prelims 2025: परीक्षा में अभ्यर्थियों की उपस्थिति में गिरावट

UPPSC PCS प्रारंभिक परीक्षा 2025 में अभ्यर्थियों की उपस्थिति में गिरावट आई है, जहां 6,26,387 में से केवल 2,65,364 ने परीक्षा दी। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब उपस्थिति 45% से कम रही। परीक्षा का अनुभव छात्रों के लिए मिश्रित रहा, कुछ प्रश्न चुनौतीपूर्ण थे जबकि अन्य सरल। सुरक्षा के कड़े उपायों के कारण भी कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा में भाग नहीं लिया। जानें इस परीक्षा के बारे में और अधिक जानकारी।
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UPPSC PCS Prelims 2025: परीक्षा में अभ्यर्थियों की उपस्थिति में गिरावट

UPPSC PCS प्रारंभिक परीक्षा 2025 में कम उपस्थिति

UPPSC PCS Prelims 2025: परीक्षा में अभ्यर्थियों की उपस्थिति में गिरावट

यूपीपीएससी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2025Image Credit source: getty images

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा आयोजित पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा इस बार कम उपस्थिति के कारण चर्चा का विषय बनी रही। कुल 6,26,387 अभ्यर्थियों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया, लेकिन केवल 2,65,364 उम्मीदवार ही परीक्षा में शामिल हुए। इसका मतलब है कि लगभग 57.50% अभ्यर्थियों ने परीक्षा में भाग नहीं लिया। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब प्रारंभिक परीक्षा में उपस्थिति 45 प्रतिशत से भी कम रही है।

परीक्षा का अनुभव

पहली पाली की परीक्षा सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तक आयोजित की गई। अधिकांश छात्रों का मूड सकारात्मक था। अभ्यर्थियों ने बताया कि इतिहास और गणित के कुछ प्रश्न कठिन थे, जबकि करेंट अफेयर्स के सवाल पिछले साल की तुलना में सरल रहे। कुछ छात्रों ने सामान्य अध्ययन को थोड़ा चुनौतीपूर्ण बताया, लेकिन भाषा का स्तर अधिकांश के लिए आसान था। कुछ ने पेपर को संतोषजनक बताया, जबकि सामान्य अध्ययन के प्रश्न थोड़े कठिन थे।

आसान और चुनौतीपूर्ण सवाल

अभ्यर्थी मोहन सिंह का कहना है कि पेपर की सरलता के कारण मेन्स परीक्षा में सफलता की संभावना बढ़ सकती है। दूसरी पाली का सीसैट पेपर भी काफी सरल रहा, और अच्छी तैयारी वाले अभ्यर्थियों ने इसे पिछले साल की तुलना में आसान पाया।

सुरक्षा व्यवस्था ने परीक्षा की सख्ती बढ़ाई

इस वर्ष यूपी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा पूरे प्रदेश के 75 जिलों में आयोजित की गई। पहली शिफ्ट सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 2:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक हुई। आयोग ने इस बार सुरक्षा को कड़ा किया है। परीक्षा में बायोमीट्रिक जांच, आईरिश स्कैनिंग, सीसीटीवी निगरानी और एआई आधारित निगरानी लागू की गई। इसी कारण बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने परीक्षा में भाग नहीं लिया। आमतौर पर परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अभ्यर्थी उपस्थित होते थे। हालांकि, कड़ी सुरक्षा के बावजूद परीक्षा में शामिल हुए छात्रों ने सामान्यतः परीक्षा के अनुभव को संतोषजनक बताया।

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