UPI में VPA: जानें यह क्या है और कैसे काम करता है
VPA क्या है और इसका कार्यप्रणाली
भारत में, UPI डिजिटल भुगतान का एक प्रमुख साधन बन चुका है। इस प्रणाली का एक महत्वपूर्ण घटक है VPA, यानी वर्चुअल पेमेंट एड्रेस, जो पैसे भेजने और प्राप्त करने की प्रक्रिया को सुरक्षित और सरल बनाता है। VPA के माध्यम से, आप बिना बैंक की जानकारी साझा किए किसी को भी पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि VPA वास्तव में क्या है और यह कैसे कार्य करता है।
VPA की परिभाषा
VPA, या वर्चुअल पेमेंट एड्रेस, UPI उपयोगकर्ताओं की एक डिजिटल पहचान है। इसके जरिए, कोई भी व्यक्ति अपने बैंक खाते की जानकारी साझा किए बिना पैसे भेज या प्राप्त कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी का VPA Vishal@oksbi है, तो उसे पैसे भेजने के लिए केवल यही आईडी चाहिए, न कि उसका खाता नंबर या IFSC कोड। यह प्रक्रिया तेज, सरल और सुरक्षित बनाती है।
VPA का कार्यप्रणाली
जब कोई व्यक्ति UPI के माध्यम से लेन-देन करता है, तो बैंक की जानकारी के स्थान पर VPA का उपयोग किया जाता है। VPA बैंक खाते से जुड़ी होती है और जैसे ही कोई भुगतान भेजा जाता है, वह सीधे लिंक किए गए खाते में पहुंच जाती है। इससे न तो बैंक की जानकारी उजागर होती है और न ही किसी प्रकार का सुरक्षा जोखिम उत्पन्न होता है। आप एक ही बैंक खाते के लिए विभिन्न ऐप्स पर कई VPA बना सकते हैं।
VPA बनाने की प्रक्रिया
सबसे पहले, किसी भी UPI ऐप जैसे Google Pay, PhonePe या Paytm को डाउनलोड करें। फिर अपने मोबाइल नंबर से बैंक खाते को लिंक करें और ऐप में UPI ID (यानी VPA) बनाने का विकल्प चुनें। यहां आप अपनी पसंद का यूज़रनेम चुन सकते हैं, जैसे name@okaxis या mobile@paytm। इसके बाद एक UPI PIN सेट करें। अब आपकी वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार है और आप इसका उपयोग करके पैसे भेज या प्राप्त कर सकते हैं।
VPA का फॉर्मेट
वर्चुअल पेमेंट एड्रेस अक्षरों, अंकों और कुछ विशेष चिन्हों का संयोजन होती है। इसका सामान्य फॉर्मेट username@bankname होता है। उदाहरण के लिए, arjun@oksbi या neha@okicici। यहां username वाला भाग आप निर्धारित करते हैं, जबकि bankname वाला भाग उस ऐप या बैंक द्वारा निर्धारित किया जाता है। उपयोगकर्ता अपनी VPA को बाद में संपादित भी कर सकता है।
