ULFA-I प्रमुख सहित तीन लोगों पर बम धमाके की साजिश का आरोप

ULFA-I के खिलाफ कार्रवाई
नई दिल्ली, 14 जून: राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) ने स्वतंत्रता दिवस पर असम में कई IED विस्फोट करने की साजिश में शामिल तीन व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (ULFA-I) के प्रमुख परेश बरुआ का नाम भी शामिल है।
बरुआ के साथ अभिजीत गोगोई उर्फ अभिजीत गोगोई और जाह्नू बरुआ उर्फ अर्नब असम उर्फ हंटू पर भारतीय दंड संहिता, अवैध गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। यह जानकारी NIA ने शुक्रवार को गुवाहाटी की एक अदालत में दी।
तीनों व्यक्तियों का संबंध गुवाहाटी के डिसपुर लास्ट गेट पर संगठन द्वारा लगाए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) से पाया गया, जो स्वतंत्रता दिवस समारोहों को बाधित करने के लिए ULFA (I) की एक व्यापक साजिश का हिस्सा था।
NIA ने सितंबर 2024 में इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी और पाया कि IEDs का उद्देश्य मृत्यु या चोट पहुंचाना, संपत्ति को नष्ट करना और भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को खतरे में डालना था।
इससे पहले, 26 सितंबर 2024 को, NIA ने मामले को अपने हाथ में लेने के बाद पहली गिरफ्तारी की थी।
केंद्रीय एजेंसी ने स्वतंत्रता दिवस के दौरान गुवाहाटी में चार स्थानों पर IED जैसे वस्तुओं को लगाने के संबंध में एक गिरीश बोरा उर्फ गौतम को गिरफ्तार किया था।
15 अगस्त 2024 को ULFA-I ने असम के 20 से अधिक स्थानों पर बम लगाने की जिम्मेदारी ली, जिसमें गुवाहाटी के आठ स्थान भी शामिल थे।
इसके जवाब में, कानून प्रवर्तन ने शहर के गांधी बस्ती, पानबाजार, नारेंगी और लास्टगेट में चार स्थानों से IED जैसे उपकरण बरामद किए। इसी तरह के उपकरण शिवसागर, लखीमपुर, नलबाड़ी और नगांव के जिलों में भी पाए गए।