UGC की ओर से 89 शैक्षणिक संस्थानों को एंटी-रैगिंग नियमों के उल्लंघन पर नोटिस

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 89 शैक्षणिक संस्थानों को एंटी-रैगिंग नियमों का उल्लंघन करने पर नोटिस जारी किया है। इनमें प्रमुख IIT और IIM शामिल हैं। UGC ने चेतावनी दी है कि यदि संस्थान निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो उनकी वित्तीय सहायता रोकी जा सकती है। आयोग ने 30 दिनों के भीतर अनुपालन की जानकारी और छात्रों से ऑनलाइन शपथ पत्र की मांग की है। यह कदम छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
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UGC की ओर से 89 शैक्षणिक संस्थानों को एंटी-रैगिंग नियमों के उल्लंघन पर नोटिस

UGC की कार्रवाई

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देशभर के 89 शैक्षणिक संस्थानों को एंटी-रैगिंग नियम, 2009 का पालन न करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इनमें एक IIT, कई IIMs, केंद्रीय विश्वविद्यालय और राज्य विश्वविद्यालय शामिल हैं।


संस्थान की वित्तीय सहायता पर खतरा

UGC ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि ये संस्थान नोटिस में उल्लिखित निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो उनकी वित्तीय सहायता रोकी जा सकती है। इसके अलावा, ऐसे संस्थानों को आयोग की वेबसाइट पर 'गैर-अनुपालन' के रूप में चिह्नित किया जा सकता है, और भविष्य में उनकी मान्यता या संबद्धता समाप्त करने पर विचार किया जा सकता है।


अनुपालन की जानकारी की मांग

आयोग ने इन संस्थानों को 30 दिनों के भीतर एंटी-रैगिंग नियमों के अनुपालन से संबंधित जानकारी प्रस्तुत करने और सभी छात्रों से ऑनलाइन शपथ पत्र प्राप्त करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, रैगिंग को रोकने के लिए उठाए गए प्रयासों की विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है।


नोटिस प्राप्त करने वाले संस्थान

जिन संस्थानों को यह नोटिस भेजा गया है, उनमें राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (आंध्र प्रदेश), IIM रोहतक, IIM बेंगलुरु, IIT पलक्कड़, नालंदा विश्वविद्यालय (राजगीर), IGNOU, और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) शामिल हैं।


UGC की चेतावनी

UGC द्वारा 9 जून को जारी नोटिस में कहा गया है कि बार-बार सलाह, अनुस्मारक कॉल और एंटी-रैगिंग निगरानी एजेंसी के हस्तक्षेप के बावजूद, इन संस्थानों ने आवश्यक छात्र घोषणाएँ और अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की हैं।


छात्रों की सुरक्षा पर चिंता

UGC के सचिव मनीष जोशी ने कहा कि ऐसी लापरवाही न केवल नियामक दिशानिर्देशों का उल्लंघन है, बल्कि यह छात्रों की सुरक्षा के लिए भी खतरा है, खासकर रैगिंग से जुड़ी मानसिक तनाव और कैंपस में बढ़ती नकारात्मकता के संदर्भ में।