Suzuki की उत्पादन रोकथाम: दुर्लभ पृथ्वी संकट से प्रभावित वैश्विक ऑटो उद्योग

Suzuki का उत्पादन ठप
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, सुजुकी मोटर कंपनी ने जापान में अपनी स्विफ्ट-कॉम्पैक्ट कार का उत्पादन रोक दिया है। यह निर्णय चीन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण घटित हुआ है। वैश्विक ऑटो निर्माताओं को आपूर्ति की कमी का सामना करना पड़ रहा है, और उत्पादन में यह ठहराव 26 मई से शुरू हुआ था, जो 6 जून तक जारी रहेगा। सुजुकी 13 जून को स्विफ्ट का उत्पादन फिर से शुरू करने की योजना बना रही है, जबकि पूरी उत्पादन प्रक्रिया 16 जून से पुनः चालू होगी।
अन्य निर्माता भी संकट में
सुजुकी अकेली कंपनी नहीं है जो इस संकट से प्रभावित हुई है। बीएमडब्ल्यू ने भी चेतावनी दी है कि उसके सप्लायर नेटवर्क पर दुर्लभ पृथ्वी की कमी का असर पड़ा है। वहीं, मर्सिडीज ने ऐसे हालातों से निपटने के लिए बफर स्टॉक बनाने पर विचार किया है।
वैकल्पिक मोटर्स की खोज
जनरल मोटर्स, बीएमडब्ल्यू और अन्य प्रमुख सप्लायर्स जैसे ZF और BorgWarner ऐसे मोटर्स की तलाश कर रहे हैं जो कम दुर्लभ पृथ्वी सामग्री के साथ काम कर सकें, ताकि चीन पर निर्भरता को कम किया जा सके।
चीन का निर्यात निलंबन
चीन द्वारा विभिन्न दुर्लभ पृथ्वी खनिजों और संबंधित मैग्नेट के निर्यात को निलंबित करने के निर्णय ने ऑटो निर्माताओं के लिए बड़ी बाधाएं उत्पन्न की हैं। इसने इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी उत्पादन के लिए आवश्यक घटकों की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को भी प्रभावित किया है। यह समस्या केवल ऑटोमोबाइल उद्योग तक सीमित नहीं है, बल्कि एयरोस्पेस निर्माताओं, सेमीकंडक्टर कंपनियों और सैन्य ठेकेदारों को भी इसी तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
दुर्लभ पृथ्वी खनिजों की सूची
जिन महत्वपूर्ण सामग्रियों की आपूर्ति रोकी गई है, उनमें सामारियम, गडोलिनियम, टेरबियम, डाइसप्रोसियम, ल्यूटिशियम, स्कैंडियम और यिट्रियम शामिल हैं। एक पूर्व रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत, जापान और यूरोप के उद्योग के अधिकारियों ने चीनी अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए जल्द ही बैठक करने की योजना बनाई है।
स्थानीय उद्योग की स्थापना
इस समस्या का समाधान खोजने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय एक स्टेकहोल्डर बैठक आयोजित कर रहा है, जिसमें घरेलू दुर्लभ पृथ्वी मैग्नेट उद्योग की स्थापना पर चर्चा की जाएगी। प्रस्तावों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन शामिल हैं।