SIR 2.0: INDIA गठबंधन की रणनीति और विपक्ष की तैयारी

4 नवंबर से SIR 2.0 प्रक्रिया की शुरुआत के साथ, विपक्ष ने एकजुट होकर इस मुद्दे पर अपनी रणनीति तैयार की है। बिहार चुनाव के बाद औपचारिक बैठक की योजना है, जिसमें प्रमुख नेता एक साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट में जाने का निर्णय ले चुके हैं। DMK पहले ही इस प्रक्रिया के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुकी है। पश्चिम बंगाल में भी राजनीतिक हलचल तेज है, जहां TMC SIR के विरोध में मार्च कर रही है। जानें इस प्रक्रिया के पीछे की राजनीति और इसके संभावित प्रभाव।
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SIR 2.0: INDIA गठबंधन की रणनीति और विपक्ष की तैयारी

SIR प्रक्रिया का आगाज

SIR 2.0: INDIA गठबंधन की रणनीति और विपक्ष की तैयारी

बिहार चुनाव के बाद SIR पर होगी विपक्ष की बैठक

आज, 4 नवंबर से, देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह बिहार के बाद SIR का दूसरा चरण है। ब्लॉक स्तर के अधिकारी घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित कर रहे हैं, और यह प्रक्रिया 4 दिसंबर तक जारी रहेगी। इस बीच, INDIA गठबंधन ने SIR के खिलाफ एकजुट होने की योजना बनानी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, इस प्रक्रिया को लेकर INDIA गठबंधन का रुख काफी सख्त है।


विपक्ष की रणनीति

विपक्ष की प्रारंभिक चर्चा में यह तय किया गया है कि सभी दल सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और राज्य स्तर पर विरोध प्रदर्शन भी करेंगे। यह INDIA ब्लॉक की ओर से तय किया गया पहला कदम है। बिहार चुनाव के कारण औपचारिक बैठक फिलहाल संभव नहीं है, लेकिन चुनाव के बाद संसद से सड़क तक INDIA ब्लॉक एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करेगा। बिहार चुनाव के बाद इस मुद्दे पर औपचारिक बैठक भी आयोजित की जाएगी।


विपक्ष के नेताओं की एकजुटता

ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, हेमंत सोरेन सहित विपक्ष के कई नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ मिलकर इस मुद्दे पर संगठित संघर्ष करने पर सहमत हुए हैं।


DMK का सुप्रीम कोर्ट में मामला

SIR के खिलाफ SC पहुंची DMK

तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK पहले ही SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुकी है। याचिका में कहा गया है कि यदि SIR को रद्द नहीं किया गया, तो यह लाखों मतदाताओं को अपने प्रतिनिधि चुनने से वंचित कर सकता है, जिससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रभावित हो सकते हैं।


पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हलचल

पश्चिम बंगाल में सियासी घमासान

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी TMC SIR के विरोध में कोलकाता में मार्च कर रही है। राज्य में इस मुद्दे पर राजनीतिक माहौल गर्म है। इस बीच, बीजेपी ने ममता सरकार पर मतदाता सूची में हेराफेरी का आरोप लगाया है। पार्टी का दावा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में 40 लाख से अधिक डुप्लीकेट या फर्जी नाम मौजूद थे। उम्मीद है कि SIR के माध्यम से कम से कम एक करोड़ नाम हटाए जाएंगे।


SIR प्रक्रिया का समापन

9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में SIR की प्रक्रिया 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ समाप्त होगी। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 51 करोड़ मतदाता हैं। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, पुडुचेरी, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में SIR की प्रक्रिया चल रही है।

तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। इससे पहले 2002-04 में SIR किया गया था। चुनाव आयोग का कहना है कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य मतदाता छूट न जाए और किसी भी अयोग्य मतदाता का नाम मतदाता सूची में न रहे।