RCB की चतुर नीलामी रणनीति: कैसे एक असफल बोली ने बदली किस्मत

RCB की नीलामी में रोमांचक पल
पिछले नवंबर में रियाद में IPL मेगा नीलामी के दौरान रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का सबसे रोमांचक क्षण तब आया जब उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ ऑलराउंडर वेंकटेश अय्यर के लिए बोली लगाई। यह बोली इतनी तेज़ी से बढ़ी कि RCB ने अय्यर के लिए 23.50 करोड़ रुपये तक की पेशकश की, लेकिन KKR ने 23.75 करोड़ रुपये में उन्हें खरीद लिया। पूर्व भारतीय क्रिकेटर अभिनव मुकुंद के अनुसार, अय्यर को न खरीदना RCB के लिए फायदेमंद साबित हुआ।
स्मार्ट खर्च का लाभ
अय्यर को न खरीदने के बावजूद, जो शुरुआत में एक नुकसान की तरह लगा, वह अंततः RCB के लिए एक रणनीतिक लाभ साबित हुआ। टीम ने एक खिलाड़ी पर पूरा पैसा खर्च करने के बजाय, कई अनुभवी खिलाड़ियों को शामिल किया, जैसे कि ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड को 12.50 करोड़ रुपये और इंग्लिश विकेटकीपर-बैटर फिल साल्ट को 11.50 करोड़ रुपये में खरीदा। दोनों ने मिलकर RCB को IPL खिताब जीतने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
अय्यर की असफलता और अभिनव मुकुंद की राय
वहीं, वेंकटेश अय्यर ने उम्मीदों पर खरा उतरने में असफलता दिखाई। उन्होंने 11 पारियों में केवल 142 रन बनाए, जो उनकी बड़ी कीमत को सही ठहराने में कठिनाई पैदा करता है। अभिनव मुकुंद ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक खिलाड़ी पर अधिक खर्च करना कभी-कभी नुकसानदायक हो सकता है, खासकर जब अपेक्षाएँ बढ़ जाती हैं।
डी विलियर्स की खुलासे ने बढ़ाई चर्चा
मुकुंद ने RCB के पूर्व सितारे AB de Villiers के उस चौंकाने वाले बयान पर भी विचार किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह IPL में 'अधिक भुगतान' महसूस करते थे। मुकुंद ने सहमति जताते हुए कहा कि फ्रेंचाइजी अक्सर बड़े खिलाड़ियों को साइन करने के प्रयास में संतुलन को नजरअंदाज कर देती हैं। उन्होंने RCB का उदाहरण देते हुए बताया कि साल्ट और हेजलवुड को उन्होंने अय्यर के लिए जो राशि देने को तैयार थे, उसी में खरीदा।
एक रणनीतिक विकल्प जो सफल रहा
साल्ट और हेजलवुड के अलावा, RCB ने जितेश शर्मा और भुवनेश्वर कुमार जैसे खिलाड़ियों को भी शामिल किया, जिससे उनकी टीम और भी मजबूत और अनुभवी हो गई। नीलामी के दौरान उनकी संयम और पैसे का चतुर आवंटन उनके रिकॉर्ड-तोड़ चैंपियनशिप अभियान के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ, इसलिए अय्यर के लिए उनकी असफल बोली एक भाग्यशाली मोड़ थी।