RBL बैंक में विदेशी निवेश: दुबई की कंपनी करेगी ₹26,853 करोड़ का अधिग्रहण

RBL बैंक में एक महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है, जिसमें दुबई की कंपनी एमिरेट्स एनबीडी ₹26,853 करोड़ का निवेश करेगी। यह सौदा भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक बड़ा विदेशी निवेश माना जा रहा है। जानें इस सौदे का बैंक और निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, और RBI की मंजूरी की आवश्यकता के बारे में।
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RBL बैंक में विदेशी निवेश: दुबई की कंपनी करेगी ₹26,853 करोड़ का अधिग्रहण

RBL बैंक में बड़ा बदलाव

RBL बैंक में विदेशी निवेश: दुबई की कंपनी करेगी ₹26,853 करोड़ का अधिग्रहण

बिकने जा रहा है यह बैंक!

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटना घटित होने जा रही है। RBL बैंक, जो कि एक प्रमुख निजी बैंक है, अब एक विदेशी समूह का हिस्सा बनने की प्रक्रिया में है। बैंक ने 17 अक्टूबर को घोषणा की कि एमिरेट्स एनबीडी, जो मध्य पूर्व का एक प्रमुख बैंकिंग समूह है, ने RBL बैंक में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक समझौता किया है। यह सौदा भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विदेशी निवेश के रूप में देखा जा रहा है।


₹26,853 करोड़ का निवेश और इसके प्रभाव

₹26,853 करोड़ की यह डील कैसे बदलेगी बैंक की सूरत?

इस समझौते के तहत, एमिरेट्स एनबीडी RBL बैंक के शेयर 280 रुपये प्रति शेयर की दर पर खरीदेगा, जिससे कुल 26,853 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह राशि बैंक के पूंजी आधार को मजबूत करेगी, जिससे उसकी कर्ज देने की क्षमता में वृद्धि होगी। इस निवेश के बाद, एमिरेट्स एनबीडी RBL बैंक का नया प्रमोटर बन जाएगा, जिससे बैंक की दिशा और रणनीति में बदलाव आएगा।


निवेशकों के लिए संभावनाएं

निवेशकों के लिए क्या हैं इसके मायने?

इस बड़े बदलाव से निवेशकों के मन में सवाल उठता है कि इसका उन पर क्या असर होगा। RBL बैंक का प्रबंधन मानता है कि इस सौदे से बैंक को मजबूती मिलेगी। इस साल RBL बैंक के शेयरों में लगभग 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन हाल ही में शेयर की कीमत में गिरावट आई है। अब यह देखना होगा कि निवेशक इस नए विकास पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।


RBI की मंजूरी की आवश्यकता

RBI की हरी झंडी का इंतजार

हालांकि यह सौदा सुनने में बड़ा है, लेकिन इसे लागू करने के लिए कई मंजूरियों की आवश्यकता होगी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होगी। इसके अलावा, RBL बैंक को अपने मौजूदा शेयरधारकों से भी इस सौदे पर सहमति प्राप्त करनी होगी। बैंक ने 12 नवंबर 2025 को एक असाधारण आम बैठक बुलाई है, जिसमें इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। यदि सब कुछ सही रहा, तो यह सौदा 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी हो सकता है।