RBI ने जीजामाता महिला सहकारी बैंक का लाइसेंस किया रद्द, जानें आपके पैसे का क्या होगा

जीजामाता महिला सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द

नई दिल्ली। दिवाली से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मंगलवार को RBI ने घोषणा की कि उसने जीजामाता महिला सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है, क्योंकि बैंक की पूंजी और आय की संभावनाएं संतोषजनक नहीं थीं।
इससे पहले भी इस बैंक का लाइसेंस रद्द किया गया था, जिससे बैंक में खाता रखने वाले ग्राहकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, यदि आपके खाते में एक निश्चित राशि है, तो आप बीमा का दावा कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि आपके जमा पैसे का भविष्य क्या होगा।
बैंक का लाइसेंस पहले 30 जून, 2016 को रद्द किया गया था, लेकिन 23 अक्टूबर, 2019 को बैंक की अपील पर इसे बहाल कर दिया गया था।
RBI ने बैंक का लाइसेंस रद्द करते हुए कहा कि अपीलीय प्राधिकरण ने निर्देश दिया है कि वित्तीय स्थिति का आकलन करने के लिए वित्त वर्ष 2013-14 का फॉरेंसिक ऑडिट किया जाए।
7 अक्टूबर से बैंक बंद
RBI ने एक फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किया था, लेकिन बैंक के असहयोग के कारण ऑडिट पूरा नहीं हो सका। RBI के अनुसार, बैंक की वित्तीय स्थिति लगातार खराब होती जा रही थी, इसलिए इसका लाइसेंस रद्द करना आवश्यक हो गया। बैंक ने 7 अक्टूबर, 2025 को अपने संचालन को समाप्त कर दिया है। महाराष्ट्र के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने और परिसमापक नियुक्त करने का अनुरोध भी किया गया है।
आपके पैसे का क्या होगा?
RBI ने स्पष्ट किया है कि लाइसेंस रद्द होने के बाद जीजामाता महिला सहकारी बैंक, सतारा, महाराष्ट्र को तुरंत प्रभाव से बैंकिंग गतिविधियों से प्रतिबंधित किया गया है, जिसमें जमा स्वीकार करना और जमा राशि का पुनर्भुगतान शामिल है।
परिसमापन की स्थिति में, प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से अपनी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का दावा करने का हकदार होगा। इसका मतलब है कि इस बैंक में जमा आपकी 5 लाख रुपये तक की राशि सुरक्षित है। RBI ने बताया कि 30 सितंबर, 2024 तक कुल जमा का 94.41 प्रतिशत DICGC बीमा के अंतर्गत कवर किया गया था।