RBI के नए नियम: बैंक लॉकर में सोने की सुरक्षा और सीमाएं

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक लॉकर में सोने की सुरक्षा और सीमाओं को लेकर नए नियम लागू किए हैं। जानें कि घर में सोने की कितनी मात्रा रखी जा सकती है और बैंक लॉकर में सोने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है, बशर्ते कि आप कानूनी तरीके से खरीदे गए सोने का प्रमाण प्रस्तुत करें। इसके अलावा, दिवाली के बाद बैंकिंग नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जिसमें लॉकर धारक की मृत्यु के बाद अधिकारों का निर्धारण करने के लिए प्राथमिकता सूची बनानी होगी।
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RBI के नए नियम: बैंक लॉकर में सोने की सुरक्षा और सीमाएं

बैंक लॉकर में सोने की सुरक्षा

लोग अक्सर अपने कीमती गहनों को सुरक्षित रखने के लिए बैंक लॉकर का उपयोग करते हैं। यह न केवल चोरी से बचाता है, बल्कि बैंक सुरक्षा की जिम्मेदारी भी लेता है। इसके लिए आपको एक मामूली शुल्क चुकाना होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बैंक लॉकर में सोने की मात्रा पर भी एक सीमा होती है? यह सीमा सोने की सुरक्षा और कानूनी नियमों के पालन के लिए निर्धारित की गई है। आइए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों को विस्तार से समझते हैं और देखते हैं कि आप अपने लॉकर में कितना सोना रख सकते हैं।


घर में सोने की आयकर सीमा

आयकर विभाग ने घर में सोने की मात्रा के लिए कुछ नियम बनाए हैं। विवाहित महिलाओं के लिए यह सीमा 500 ग्राम है, जबकि अविवाहित महिलाओं के लिए यह 250 ग्राम है। पुरुषों के लिए यह मात्रा 100 ग्राम निर्धारित की गई है। इसका मतलब यह है कि यदि एक विवाहित जोड़ा एक ही घर में रहता है, तो वे बिना किसी सवाल के कुल 600 ग्राम (500 ग्राम + 100 ग्राम) सोना रख सकते हैं। ये नियम टैक्स चोरी और अवैध सोने की जमाखोरी को रोकने के लिए बनाए गए हैं।


बैंक लॉकर में सोना रखने के नियम

अच्छी खबर यह है कि RBI ने बैंक लॉकर में सोने की कोई अधिकतम सीमा नहीं रखी है। आप अपनी इच्छानुसार जितना चाहें उतना सोना लॉकर में रख सकते हैं। लेकिन, आपको यह साबित करना होगा कि वह सोना कानूनी तरीके से खरीदा गया है। इसके लिए आपके पास सोने की खरीद का बिल या कोई अन्य प्रमाण होना चाहिए। यदि बैंक को किसी अवैध चीज का संदेह नहीं है, तो वे आपके लॉकर की सामग्री के बारे में अधिक सवाल नहीं करेंगे।


लॉकर नियमों में बड़ा बदलाव

हाल ही में दिवाली के बाद बैंकिंग नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। अब जब आप बैंक लॉकर लेते हैं, तो आपको एक प्राथमिकता सूची (Priority List) प्रदान करनी होगी। इस सूची में आपको यह बताना होगा कि यदि लॉकर धारक की मृत्यु हो जाती है, तो लॉकर खोलने का अधिकार किसे मिलेगा। यह नया नियम परिवार में विवाद या कानूनी पचड़ों से बचने के लिए लाया गया है। सूची में दिए गए क्रम के अनुसार ही लॉकर का अधिकार दिया जाएगा। यदि पहले व्यक्ति की अनुपस्थिति में, अगले व्यक्ति को मौका मिलेगा।