संसद के मानसून सत्र के लिए कांग्रेस की रणनीति पर सोनिया गांधी की बैठक

कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी मंगलवार को संसद के मानसून सत्र के लिए पार्टी की रणनीति पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करेंगी। इस बैठक में कई प्रमुख नेता शामिल होंगे और यह सत्र हंगामेदार रहने की उम्मीद है। कांग्रेस सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की योजना बना रही है, जिसमें मतदाता सूची के पुनरीक्षण और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दे शामिल हैं। जानें इस सत्र में क्या महत्वपूर्ण होने वाला है।
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संसद के मानसून सत्र के लिए कांग्रेस की रणनीति पर सोनिया गांधी की बैठक

सोनिया गांधी की महत्वपूर्ण बैठक

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी मंगलवार को संसद के मानसून सत्र के लिए पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक का संचालन करेंगी।


इस सत्र के दौरान हंगामे की संभावना है, क्योंकि कांग्रेस सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की योजना बना रही है। विपक्षी दल बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के संबंध में निर्वाचन आयोग के निर्णय पर कड़ी आपत्ति जता सकते हैं।


इसके अतिरिक्त, कांग्रेस पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की कूटनीतिक गतिविधियों पर चर्चा की मांग कर रही है।


पार्टी के सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित अन्य प्रमुख नेता शामिल होने की उम्मीद है। यह बैठक सोनिया गांधी के 10 जनपथ स्थित निवास पर आयोजित की जाएगी।


सरकार ने बताया है कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा, जो पहले निर्धारित समय से एक सप्ताह अधिक है। इससे यह संकेत मिलता है कि विधायी कार्यसूची काफी बड़ी होगी।


इससे पहले, यह सत्र 12 अगस्त को समाप्त होने वाला था, लेकिन अब इसे एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। यह लंबा सत्र उस समय हो रहा है जब सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र के प्रवेश को सुगम बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण विधेयक लाने की योजना बना रही है।


सरकार ‘परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम’ और ‘परमाणु ऊर्जा अधिनियम’ में संशोधन करने की योजना बना रही है, ताकि केंद्रीय बजट में किए गए वादे के अनुसार परमाणु क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोला जा सके।


विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की मांग कर रहा है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर भी सरकार से स्पष्टीकरण मांग रहा है, जिसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष को समाप्त कराने में मध्यस्थता का दावा किया है। हालांकि, सरकार ने ट्रंप के दावों को खारिज कर दिया है।