संसद का मानसून सत्र: विपक्ष के विरोध के बीच सरकार ने पेश किए महत्वपूर्ण विधेयक

गुवाहाटी में संसद का एक महीने का मानसून सत्र समाप्त हो गया है, जिसमें विपक्ष के लगातार विरोध और disruptions का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा कांग्रेस सांसदों की बहस में भागीदारी की कमी पर चिंता जताई। इस सत्र में 14 विधेयक पेश किए गए, जिनमें से 12 पारित हुए। विपक्ष ने सरकार पर ध्यान भटकाने का आरोप लगाया है। जानें इस सत्र की प्रमुख घटनाएँ और सरकार की उपलब्धियाँ।
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संसद का मानसून सत्र: विपक्ष के विरोध के बीच सरकार ने पेश किए महत्वपूर्ण विधेयक

संसद का मानसून सत्र समाप्त


गुवाहाटी, 22 अगस्त: संसद का एक महीने का मानसून सत्र गुरुवार को समाप्त हुआ, जिसमें विपक्ष के लगातार विरोध और disruptions का सामना करना पड़ा। बिहार में चुनावी मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) को लेकर यह विरोध हुआ। सरकार ने इस सत्र को 'फलदायी और सफल' बताया, जबकि विपक्ष ने इसे लगभग बेकार करार दिया।


प्रधानमंत्री का बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कार्यालय में पार्टी नेताओं की एक अनौपचारिक बैठक में कहा कि युवा कांग्रेस सांसदों को नेतृत्व की 'असुरक्षा' के कारण बहस में भाग लेने का अवसर नहीं मिला।


हालांकि उन्होंने राहुल गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान को लोकसभा में विपक्ष के नेता पर अप्रत्यक्ष हमला माना गया, जो बिहार में चुनाव आयोग के खिलाफ पार्टी के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।


सत्र में समय की बर्बादी

लोकसभा सचिवालय के अनुसार, सदन ने 84 घंटे से अधिक समय की बर्बादी की, जो 18वीं लोकसभा में सबसे अधिक है। अध्यक्ष बिरला ने 'योजना के तहत व्यवधान' को दुर्भाग्यपूर्ण और सदन की गरिमा के खिलाफ बताया। यह सत्र 21 जुलाई को शुरू हुआ था और इसमें 21 बैठकें हुईं, लेकिन केवल 37 घंटे और 7 मिनट का प्रभावी कार्य हुआ।


सरकार की उपलब्धियाँ

विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, सरकार ने 14 विधेयक पेश किए और 12 महत्वपूर्ण कानून पारित किए। इनमें ऑनलाइन गेमिंग विधेयक, खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, और नया आयकर विधेयक शामिल हैं।


विपक्ष की प्रतिक्रिया

गृह मंत्री अमित शाह ने तीन विवादास्पद विधेयक पेश किए, जो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को गंभीर आरोपों के तहत 30 दिनों तक गिरफ्तार करने का प्रावधान करते हैं। विपक्ष ने इन विधेयकों का विरोध करते हुए नारेबाजी की। कांग्रेस ने इस कानून को 'जनता का ध्यान भटकाने का हथियार' करार दिया।


कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर ध्यान भटकाने का आरोप लगाया और कहा कि यह सत्र अधिकतर टकराव के लिए याद किया जाएगा।


राज्यसभा में भी हंगामा

राज्यसभा में उपाध्यक्ष हरिवंश ने भी कहा कि बार-बार के व्यवधानों ने सदस्यों को महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने से रोका।


सरकार ने अपने विधायी एजेंडे को उत्पादकता का प्रमाण बताया, जबकि विपक्ष ने कहा कि मानसून सत्र का मुख्य ध्यान टकराव पर था।