शरद पवार ने आपातकाल पर की चर्चा, नागरिक अधिकारों की सुरक्षा पर जोर

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने हाल ही में आपातकाल को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा मांगी गई माफी का उल्लेख किया। उन्होंने नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा को महत्वपूर्ण बताया और वर्तमान सरकार की आलोचना पर चिंता व्यक्त की। पवार ने आम नागरिकों से संसदीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया। जानें उनके विचार और राजनीतिक परिदृश्य पर उनकी राय।
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शरद पवार ने आपातकाल पर की चर्चा, नागरिक अधिकारों की सुरक्षा पर जोर

आपातकाल पर शरद पवार की टिप्पणी

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को कहा कि 50 साल पहले लागू किया गया आपातकाल एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसके लिए माफी मांगी थी।


मुंबई में श्रमिक संघों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पवार ने नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा को एक पवित्र कार्य बताया और लोगों को इन अधिकारों की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर दिया।


उन्होंने बताया कि 1978 में समाजवादी नेताओं जॉर्ज फर्नांडिस, चंद्रशेखर और मधु दंडवते के साथ विचार-विमर्श के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ, जिसमें वह मुख्यमंत्री बने।


केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का उल्लेख करते हुए पवार ने कहा कि वर्तमान सरकार की आलोचना को अस्वीकार्य माना जाता है। उन्होंने कहा, 'हमें आज सावधान रहना चाहिए। आज भी मीडिया में सरकार की आलोचना को पसंद नहीं किया जाता। पत्रकारों को धमकाया जाता है। घोषित और अघोषित आपातकाल में अंतर होता है।'


पवार ने आम नागरिकों से संसदीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया। उन्होंने दिवंगत जॉर्ज फर्नांडिस की सराहना करते हुए कहा कि वह एक श्रमिक संघ के नेता से केंद्रीय मंत्री बने।


पवार ने आपातकाल को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, लेकिन यह भी कहा कि इंदिरा गांधी की सरकार ने मौलिक अधिकारों पर अंकुश लगाने, असहमति को दबाने, सामूहिक गिरफ्तारियों और प्रेस सेंसरशिप जैसे कदम उठाने के लिए माफी मांगी थी।