राज ठाकरे की महा विकास आघाड़ी में भागीदारी पर सियासी चर्चाएं तेज

राज ठाकरे की संभावित भागीदारी पर सियासी हलचल

राज ठाकरे.
मनसे के नेता राज ठाकरे के महा विकास आघाड़ी में शामिल होने की संभावनाओं पर राज्य की राजनीति में हलचल मची हुई है। इस संदर्भ में महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्द्धन सपकाल ने स्पष्ट किया कि राज ठाकरे अभी तक एमवीए का हिस्सा नहीं बने हैं। चुनाव आयोग से मिलना और एमवीए में शामिल होना दो अलग बातें हैं। शिवसेना यूबीटी की राय इस मामले में अलग है, लेकिन एमवीए में राज ठाकरे को शामिल करने पर कोई चर्चा नहीं हुई है।
राज्य में विपक्षी नेता मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर सक्रिय हैं। उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे, विजय वडेट्टीवार, बालासाहेब थोराट, और जयंत पाटिल जैसे कई नेताओं ने चुनाव अधिकारियों से मुलाकात की थी, जिसके बाद राज ठाकरे के महा विकास आघाड़ी में शामिल होने की अटकलें बढ़ गईं।
चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद, मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा, “मतदान गोपनीय होता है, अगर आप लिस्ट ऑनलाइन देते हैं, तो वह गोपनीय कैसे है? चुनाव आयोग इसे क्यों छिपा रहा है?”
राज ठाकरे की भागीदारी पर कोई चर्चा नहीं
जब पूछा गया कि क्या बिहार चुनाव को देखते हुए कांग्रेस राज ठाकरे से हाथ नहीं मिलाना चाहती, तो उन्होंने कहा कि अब तक किसी भी दल ने इस पर चर्चा नहीं की है। हमारी कांग्रेस पार्टी की बैठकों में भी राज ठाकरे का विषय नहीं आया है। जब आएगा, तब इस पर विचार किया जाएगा।
नियमों का उल्लंघन
संग्राम जगताप के बयान पर उन्होंने कहा कि जब ये बयान दे रहे थे, तब अफगानिस्तान के मंत्री भारत में थे। भाजपा और उनके सहयोगी दल एक ओर सर्वधर्म समभाव की बात करते हैं, जबकि दूसरी ओर कटेंगे तो बटेंगे जैसे नारे लगाते हैं। इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
मंत्री गणेश नाइक द्वारा ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर उन्होंने कहा कि जब सूबे के मंत्री नियम तोड़ रहे हैं, तो बाकी लोग क्या करेंगे? ये संविधान का सम्मान नहीं करते। जनता इन्हें ट्रोल कर रही है। खुलेआम नियमों का उल्लंघन हो रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।