मोदी का लालू प्रसाद पर आंबेडकर के अपमान का आरोप

मोदी का तीखा हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर उनके जन्मदिन समारोह के दौरान बाबासाहेब आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
हालांकि मोदी ने सीधे तौर पर लालू का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने उस घटना का उल्लेख किया जब आंबेडकर की तस्वीर उनके पैरों के पास रखी गई थी, जिसके लिए राजद अध्यक्ष को भाजपा की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
सिवान में मोदी का बयान
सिवान जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, 'आंबेडकर वंशवाद के खिलाफ थे, लेकिन राजद और उसके सहयोगी दलों को यह बात पसंद नहीं आई। इसलिए उन्होंने आंबेडकर की तस्वीर अपने पैरों के पास रख दी। मैंने रास्ते में बाबासाहेब के अपमान के लिए माफी मांगने वाले पोस्टर देखे।'
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन कोई माफी नहीं मांगी गई। ऐसा इसलिए है, क्योंकि वे दलितों का अपमान करते हैं। जबकि मैं बाबासाहेब को अपने दिल में रखता हूं।'
राजद का स्पष्टीकरण
राजद ने इस महीने की शुरुआत में लालू प्रसाद के 78वें जन्मदिन के जश्न के दौरान विवाद को लेकर कहा कि यह 'कैमरा एंगल' के कारण हुआ।
पार्टी का दावा है कि प्रसाद ने 'चिकित्सकीय सलाह' के चलते सोफे पर पैर रखा था, और एक समर्थक आंबेडकर की तस्वीर लेकर उनके पास खड़ा था।
तेजस्वी यादव का जवाब
जब तेजस्वी यादव से पूछा गया कि क्या उनके पिता के लिए माफी मांगना उचित नहीं होगा, तो उन्होंने कहा, 'हमारे यहां आंबेडकर का कोई अपमान नहीं हुआ। और क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अब तक माफी मांगी है?'
यह बयान शाह द्वारा कुछ महीने पहले संसद में दिए गए भाषण का संदर्भ देते हुए दिया गया।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
इस बीच, राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने प्रसाद को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
राज्य में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री प्रसाद के पुतले जला रही है और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को ज्ञापन सौंप रही है।
राष्ट्रीय नेताओं की आलोचना
प्रसाद के व्यवहार की आलोचना केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान जैसे राष्ट्रीय नेताओं के अलावा दलित नेता चिराग पासवान जैसे भाजपा के सहयोगी दलों के नेताओं ने भी की है।