ममता बनर्जी का धर्मनिरपेक्षता पर जोर, विपक्ष को दिया जवाब

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्गा नगर में एक कार्यक्रम के दौरान विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि वे सभी धर्मों का सम्मान करती हैं। ममता ने गंगासागर पर पुल बनाने की योजना का भी उल्लेख किया और विपक्ष पर निशाना साधते हुए नागरिकता के मुद्दे पर सवाल उठाए। जानें उनके बयान के प्रमुख बिंदु और राजनीतिक दृष्टिकोण।
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ममता बनर्जी का धर्मनिरपेक्षता पर जोर, विपक्ष को दिया जवाब

ममता बनर्जी का विपक्ष पर हमला

ममता बनर्जी का धर्मनिरपेक्षता पर जोर, विपक्ष को दिया जवाब

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष के आरोपों का खंडन किया है। दुर्गा नगर में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुझ पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हैं, लेकिन मैं धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखती हूं और सभी धर्मों का सम्मान करती हूं। ममता ने यह भी कहा कि उन्हें बंगाल और भारत से गहरा प्रेम है और वे सभी जातियों और धर्मों का सम्मान करती हैं। हर व्यक्ति का लोकतांत्रिक अधिकार होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि वे गंगासागर पर पुल बनाने की योजना बना रही हैं, जिसे वे स्वयं बनाएंगी। उन्होंने कहा कि 5 जनवरी को इसकी आधारशिला रखी जाएगी और यह पुल अगले दो वर्षों में जनता के लिए तैयार हो जाएगा। इसके अलावा, जनवरी के दूसरे सप्ताह में सिलीगुड़ी में महाकाल मंदिर की आधारशिला भी रखी जाएगी।

बंगाली भाषा पर विवाद

विपक्ष पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा कि जब वे बंगाली में बात करती हैं, तो कुछ लोग उन्हें बांग्लादेशी कहकर अपमानित करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बंगाल में रहने के लिए भारतीय नागरिकता का प्रमाण देना आवश्यक है? उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान फांसी पर चढ़ाए गए 600 लोगों में से 500 का बंगाल से होना भी याद दिलाया।

धर्मनिरपेक्षता पर ममता का दृष्टिकोण

ममता ने स्पष्ट किया कि वे किसी को खुश करने का प्रयास नहीं करतीं। उन्होंने कहा कि वे सच्चे अर्थों में धर्मनिरपेक्ष हैं और सभी धर्मों के सामंजस्य में विश्वास करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे सभी धार्मिक आयोजनों में भाग लेती हैं, जैसे कि गुरुद्वारे में जाकर सिर ढकना। उन्होंने सवाल किया कि उपवास रखने पर इतनी आपत्ति क्यों होती है, जबकि वे हिंदू परंपरा का पालन करती हैं।