भाजपा में शाम‍िल होने के बाद पहली बार कोल्हान पहुंचे चंपई सोरेन, समर्थकों ने किया जोरदार स्वागत

सरायकेला, 1 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भाजपा में शामिल होने के बाद रविवार को पहली बार कोल्हान पहुंचे। यहां पर उनके समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। उनके समर्थकों ने गाजे-बाजे, ढोल-नगाड़ों के साथ जमकर आतिशबाजी की।
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भाजपा में शाम‍िल होने के बाद पहली बार कोल्हान पहुंचे चंपई सोरेन, समर्थकों ने किया जोरदार स्वागत

सरायकेला, 1 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भाजपा में शाम‍िल होने के बाद रविवार को पहली बार कोल्हान पहुंचे। यहां पर उनके समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। उनके समर्थकों ने गाजे-बाजे, ढोल-नगाड़ों के साथ जमकर आतिशबाजी की।

कांड्रा से ही पूर्व मुख्यमंत्री अपने समर्थकों, भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ हजारों बाइक और कार के काफिले के साथ जमशेदपुर होते हुए उनके पैतृक आवास जिलिंगोड़ा की ओर रवाना हुए। इस दौरान जगह- जगह पूर्व मुख्यमंत्री का उनके समर्थकों एवं बीजेपी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।

बता दें कि इससे पहले 30 अगस्त को चंपई सोरेन केंद्रीय मंत्री एवं झारखंड के भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री एवं झारखंड चुनाव के सह-प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए थे।

आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था, “मैं अपनी पीड़ा देश और प्रदेश के लोगों के साथ साझा कर चुका हूं। पार्टी (झामुमो) में ऐसी कोई भी जगह नहीं थी, जहां पर मैं अपनी पीड़ा व्यक्त कर सकता, और जो लोग मुझसे सीनियर हैं, जैसे शिबू सोरेन, वो स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसी स्थिति में हमें कोई मंच नहीं मिल पा रहा था, जहां मैं अपनी पीड़ा बयां कर सकूं।”

उन्होंने कहा था, “जब मुझे झामुमो में रहते हुए अपनी बात रखने के लिए कोई मंच नहीं मिला, तो मैंने बीजेपी में शाम‍िल होने का फैसला किया। सच कहूं, तो मैंने आज तक कभी-भी यह नहीं सोचा था कि मुझे झामुमो से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी में शामिल होना पड़ेगा, लेकिन मेरे लिए झामुमो में ऐसी परिस्थितियां पैदा कर दी गई थी कि मुझे इस्तीफा देना पड़ा। मैंने अपने राजनीतिक जीवन को ध्यान में रखते हुए दो ही फैसले लिए थे कि या तो मैं अपना खुद का दल बनाऊंगा या तो राजनीति से ही संन्यास ले लूंगा, लेकिन आज की तारीख में मेरे लिए परिस्थितियां काफी अलग हो चुकी हैं। इसी वजह से मुझे यह फैसला लेना पड़ा।”

--आईएएनएस

एससीएच/सीबीटीी