बीजेपी सांसद का बड़ा बयान: मोदी के बिना 2029 में केवल 150 सीटें जीत पाएगी पार्टी

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि 2029 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिना लड़ा गया, तो पार्टी केवल 150 सीटों पर सिमट जाएगी। यह बयान RSS प्रमुख मोहन भागवत के 75 वर्ष की उम्र में रिटायरमेंट के सुझाव के जवाब में आया है। दुबे ने मोदी की भूमिका को पार्टी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है और कहा है कि गरीब वर्ग का समर्थन मोदी के कारण ही बीजेपी को मिला है। क्या बीजेपी 2029 में मोदी के बिना सफल हो पाएगी? यह सवाल अब राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया है।
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बीजेपी सांसद का विवादास्पद बयान

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे ने 18 जुलाई 2025 को एक महत्वपूर्ण बयान देकर राजनीतिक हलचल पैदा कर दी। उन्होंने कहा कि यदि 2029 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिना लड़ा गया, तो बीजेपी केवल 150 सीटों पर सिमट जाएगी।


आरएसएस प्रमुख के बयान पर प्रतिक्रिया

यह टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान के संदर्भ में आई है, जिसमें उन्होंने 75 वर्ष की आयु के बाद नेताओं को रिटायर होने की सलाह दी थी।


मोदी की भूमिका पर जोर

झारखंड के गोड्डा से सांसद दुबे ने कहा, 'मोदी को बीजेपी की आवश्यकता नहीं है, बल्कि बीजेपी को मोदी की जरूरत है। अगले 15-20 वर्षों तक मैं केवल मोदी को ही देश का नेता मानता हूं।' यह बयान RSS के '75 साल की उम्र' नियम पर सीधा प्रहार माना जा रहा है, क्योंकि 2026 में मोदी और भागवत दोनों 75 वर्ष के हो जाएंगे।


गरीबों का समर्थन

दुबे ने यह भी कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी ने बीजेपी को गरीब तबके का एक ऐसा वोट बैंक दिया, जो पहले कभी पार्टी के साथ नहीं था। उन्होंने कहा, 'मोदी के कारण गरीब वर्ग बीजेपी से जुड़ा। आज वह तीसरी बार पीएम हैं। यदि 2029 में वह हमारे नेता नहीं होंगे, तो बीजेपी 150 सीटें भी नहीं जीत पाएगी।' 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 240 सीटें जीती थीं, और दुबे का यह बयान पार्टी के लिए मोदी की अहमियत को दर्शाता है।


योगी आदित्यनाथ पर टिप्पणी

जब दुबे से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संभावित रोल के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, 'फिलहाल दिल्ली में योगी के लिए कोई जगह नहीं है।' यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि योगी को बीजेपी के भविष्य के नेतृत्व के लिए संभावित उम्मीदवार माना जाता रहा है।


इंदिरा गांधी पर विवादास्पद टिप्पणी

दुबे ने एक और विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने 1971 में बांग्लादेश बनाकर गलती की थी। उन्होंने कहा, 'उन्हें हिंदू और मुस्लिम बांग्लादेश बनाना चाहिए था। इस भूल की कीमत आज भी कुछ लोग चुका रहे हैं।' यह बयान राजनीतिक गलियारों में नई बहस को जन्म दे सकता है।


बीजेपी के भविष्य पर सवाल

दुबे का बयान RSS और बीजेपी के बीच नेतृत्व को लेकर चल रही अटकलों को हवा दे रहा है। भागवत का '75 साल की उम्र' वाला बयान बीजेपी के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, क्योंकि मोदी 2026 में 75 साल के हो जाएंगे। ऐसे में दुबे का बयान न केवल RSS को जवाब है, बल्कि बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को यह संदेश भी देता है कि मोदी ही पार्टी की सबसे बड़ी ताकत हैं।


क्या मोदी रहेंगे बीजेपी का चेहरा?

दुबे का यह बयान बीजेपी के भविष्य को लेकर बड़ी बहस छेड़ सकता है। सवाल यह है कि क्या 2029 में भी मोदी बीजेपी का चेहरा बने रहेंगे, या RSS के नियम के तहत पार्टी नया नेतृत्व तलाशेगी? फिलहाल, दुबे ने स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी की जीत का रास्ता केवल मोदी से होकर गुजरता है। क्या बीजेपी 2029 में मोदी के बिना बड़ी जीत हासिल कर पाएगी, या दुबे का डर हकीकत बन जाएगा? यह सवाल अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।