प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव से दूरी बनाई, पार्टी के लिए काम जारी रखने का किया आश्वासन

प्रशांत किशोर का चुनावी निर्णय
जन सुराज के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बुधवार को यह स्पष्ट किया कि वह नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में भाग नहीं लेंगे। हालांकि, उन्होंने अपनी पार्टी के साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई। यह बयान उन अटकलों के बीच आया है कि किशोर राघोपुर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, जहां पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रहे हैं। किशोर ने कहा, "मैं चुनाव नहीं लड़ूँगा। पार्टी ने यह निर्णय लिया है... मैं संगठनात्मक कार्य जारी रखूँगा।"
चुनावी अभियान की शुरुआत
प्रशांत किशोर ने 11 अक्टूबर को राजद नेता तेजस्वी यादव के गढ़ राघोपुर से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की। उन्होंने यह संकल्प लिया कि वह तेजस्वी यादव को उसी तरह हराएंगे जैसे राहुल गांधी को अमेठी में हराया गया था। 47 वर्षीय किशोर का स्वागत वैशाली जिले में ढोल की थाप पर हुआ, जो पटना से लगभग 50 किलोमीटर दूर है।
ग्रामीणों की समस्याएँ
किशोर, जो पिछले कुछ वर्षों में बिहार के ग्रामीण इलाकों में पैदल यात्रा कर चुके हैं, ने स्थानीय निवासियों से बातचीत की। उन्होंने ग्रामीणों की शिकायतें सुनीं, जिनमें खराब बुनियादी ढाँचे और स्कूलों की कमी शामिल थी। किशोर ने ग्रामीणों को चेतावनी दी कि जातिगत निष्ठा के कारण गलत व्यक्ति को वोट देने से बचें।
स्थानीय विधायक पर सवाल
उन्होंने ग्रामीणों से पूछा, "आपके स्थानीय विधायक इतने बड़े आदमी हैं, वह दो बार उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। क्या आप कभी अपनी समस्याएँ लेकर उनके पास गए हैं?" लोगों ने बताया कि अधिकांश लोग तेजस्वी यादव से कभी मिले ही नहीं। इससे पहले, किशोर ने पत्रकारों से कहा कि तेजस्वी यादव इस बार किसी और सीट से चुनाव लड़ने की अफवाहें चल रही हैं।