पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड में मदरसों पर धामी सरकार की कार्रवाई की निंदा की

उत्तराखंड में मदरसों पर धामी सरकार की कार्रवाई को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मदरसे तब अवैध माने जाएंगे जब वे आवश्यक औपचारिकताएं पूरी नहीं करते। रावत ने प्रशासन की अनुमति न मिलने की बात भी उठाई और सवाल किया कि सरकार उन बच्चों के बारे में क्या सोचती है जो मदरसों में पढ़ाई कर रहे हैं। जानें उनके विचार और इस मुद्दे पर उनकी प्रतिक्रिया।
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हरीश रावत का मदरसों पर सरकार के एक्शन पर बयान

देहरादून: उत्तराखंड में मदरसों के खिलाफ धामी सरकार की कार्रवाई पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि मदरसे तब अवैध माने जाएंगे जब वे आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के लिए आवेदन नहीं करते।


रावत ने बताया कि पिछले आठ से दस वर्षों से कई मदरसों की विधिवत आवेदन प्रक्रियाएं लंबित हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक उन्हें अनुमति नहीं दी है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी हाल ही में मदरसों के बारे में अधिक बातें करने लगे हैं।


उन्होंने यह भी कहा कि अचानक भाजपा को यह महसूस होता है कि यदि वे मदरसा, मजार, लव जिहाद आदि के बारे में नहीं बोलते हैं, तो वे मदरसा-मदरसा और अवैध मदरसा कहने लगते हैं। रावत ने कहा कि सरकार इन पर दंड लगा सकती है, लेकिन उन्हें अवैध नहीं ठहरा सकती।


उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार उन बच्चों के बारे में क्या सोचती है जो इन मदरसों में पढ़ाई कर रहे हैं। ये बच्चे और उनके माता-पिता भी इस राज्य के नागरिक हैं।