पवन सिंह और आरके सिंह के बीच मतभेद समाप्त, भाजपा में वापसी का न्योता

पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने भोजपुरी गायक पवन सिंह को भाजपा में पुनः शामिल होने का न्योता दिया है। दोनों नेताओं के बीच के मतभेद अब समाप्त हो चुके हैं। आरके सिंह ने पवन सिंह की समस्याओं को समझते हुए उन्हें पार्टी में वापस आने की सलाह दी। इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा आगामी चुनावों में पवन सिंह की लोकप्रियता का लाभ उठाने की योजना बना रही है। जानें इस राजनीतिक बदलाव के पीछे की पूरी कहानी।
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पवन सिंह और आरके सिंह के बीच मतभेद समाप्त, भाजपा में वापसी का न्योता

आरके सिंह ने पवन सिंह को भाजपा में शामिल होने का दिया न्योता

पवन सिंह और आरके सिंह के बीच मतभेद समाप्त, भाजपा में वापसी का न्योता


आरा: लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा के पूर्व सांसद आरके सिंह तथा भोजपुरी गायक पवन सिंह के बीच जो तनाव था, वह अब समाप्त हो गया है। हाल ही में इन दोनों नेताओं की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की गई थीं, जिसके बाद आरके सिंह ने पुष्टि की कि उनके बीच के मतभेद खत्म हो चुके हैं।


आरके सिंह ने सार्वजनिक रूप से पवन सिंह को भाजपा में पुनः शामिल होने का निमंत्रण दिया है।


आरके सिंह ने शनिवार को नागरी प्रचारणी सभागार में आयोजित चंद्रवंशी जिला सम्मेलन में भाग लिया, जहां कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।


अपने संबोधन में, आरके सिंह ने भाजपा की उपलब्धियों की सराहना की और विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष चुनाव आयोग पर निराधार आरोप लगा रहा है, जबकि वोटर कार्ड से नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर बीएलओ और जिला पदाधिकारी द्वारा की जाती है।


आरके सिंह ने कहा कि पवन सिंह को भाजपा में वापस आना चाहिए। उन्होंने बताया कि पवन सिंह ने उनसे मुलाकात की और अपनी समस्याओं के बारे में बताया। आरके सिंह ने कहा कि पवन सिंह ने उन्हें बताया कि पहले उन्हें भाजपा से टिकट दिया गया था, लेकिन बाद में चुनाव लड़ने से मना कर दिया गया। जब उन्हें अन्य जगह से भी टिकट नहीं मिला, तो यह किसी भी व्यक्ति के लिए दुखदायी होता है।


आरके सिंह ने कहा कि जब पवन सिंह ने अपनी बात समझाई, तो उन्होंने उनकी भावनाओं को समझा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पवन सिंह को भाजपा के साथ रहना चाहिए। इस बयान से यह स्पष्ट है कि दोनों नेताओं के बीच की दूरियां समाप्त हो चुकी हैं और भाजपा एक बार फिर से पवन सिंह को पार्टी में लाने की कोशिश कर रही है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि भाजपा आगामी चुनावों में पवन सिंह की लोकप्रियता का लाभ उठाना चाहती है।