नागपुर हिंसा पर महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा, सीएम ने कहा सुनियोजित साजिश
नागपुर में भड़की हिंसा का मामला

मुंबई. नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा के संदर्भ में मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में तीखी बहस हुई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे एक सुनियोजित साजिश बताया, जिसमें विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से कब्र की चादर को जलाया, जिसके बाद यह अफवाह फैली कि उसमें धार्मिक चिह्न था, जिससे स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि लगभग 80 से 100 लोगों की भीड़ ने हिंसा में भाग लिया, जिन्होंने पथराव किया और पुलिस पर हमले किए। इस दौरान एक पुलिस अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला हुआ, और तीन डीसीपी स्तर के अधिकारियों पर भी हमले हुए। कुछ घरों को भी नुकसान पहुंचाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हिंसा एक अफवाह के कारण फैली, जिसमें कहा गया कि प्रतीकात्मक कब्र पर रखी चादर में धार्मिक चिन्ह था। उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘कोई भी कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता। यह पूरी तरह से एक सोची-समझी साजिश थी।’
सीएम फडणवीस ने सदन में बताया कि नागपुर हिंसा में 12 दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं, एक क्रेन और दो जेसीबी समेत चार पहिया वाहन जलाए गए हैं। तलवार से कई लोगों पर हमला किया गया है और कुल 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें तीन डीसीपी स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। इसके अलावा, पांच आम नागरिकों पर भी हमला हुआ। स्थिति को देखते हुए 11 पुलिस थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है और SRPF की पांच टुकड़ियां तैनात की गई हैं।
‘औरंगजेब एक कलंक’
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने भी इस हिंसा को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘औरंगजेब कौन है? वह एक कलंक है। नागपुर में स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन कल अस्पताल में तोड़फोड़ की गई। यह कौन-सा आंदोलन करने का तरीका है?’
शिंदे ने यह भी सवाल उठाया कि ‘हमलावरों के पास पेट्रोल बम कहां से आए?’ उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से एक सोची-समझी साजिश थी, जिसमें पुलिस पर पथराव किया गया और कुल 40 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
शिंदे ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, ‘आप मुख्यमंत्री की तुलना औरंगजेब से कर रहे हो? औरंगजेब देशद्रोही था, आप उसकी तुलना शिवाजी महाराज से कर रहे हैं? महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष औरंगजेब का समर्थन कर रहे हैं, उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।’