दिग्विजय सिंह ने मुंगावली थाना प्रभारी के खिलाफ उठाई आवाज़

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मुंगावली थाना प्रभारी पर नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बिना किसी फरियादी के पटवारी के खिलाफ 'झूठा' मामला दर्ज किया है। सिंह ने इस मामले में अपनी चिंताओं को सोशल मीडिया पर साझा किया और सरकारी कर्मचारियों से संविधान का पालन करने की अपील की। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और दिग्विजय सिंह के ताजा बयान।
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दिग्विजय सिंह ने मुंगावली थाना प्रभारी के खिलाफ उठाई आवाज़

दिग्विजय सिंह की मांग

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संदर्भ में मुंगावली थाना प्रभारी पर नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की है।


सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस के ‘न्याय सत्याग्रह’ के बाद मुंगावली थाना क्षेत्र के मूडरा बड़वाह गांव का दौरा किया।


पिछले महीने, मुंगावली पुलिस ने मूडरा बड़वाह गांव के लोधी समुदाय के एक युवक के मल खिलाने के मामले में पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की थी। यह शिकायत पीड़ित युवक ने स्वयं की थी।


पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

हालांकि, पुलिस ने मल खिलाने के आरोप को गलत ठहराया और पटवारी पर युवक से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर समाज में वैमनस्य फैलाने, जातियों के बीच झगड़े भड़काने और शांति भंग करने का आरोप लगाया।


पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने यह भी कहा कि जब वह मूडरा पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि गजराज लोधी और रघुराज लोधी कई दिनों से ‘गायब’ हैं।


इसके बाद, उन्होंने मुंगावली थाने में उनकी गुमशुदगी की लिखित शिकायत दर्ज कराई।


सिंह का सोशल मीडिया पर बयान

सिंह ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, "अब पुलिस कह रही है कि गुमशुदगी की प्राथमिकी लिखने से पहले वे जांच करेंगे। तो हमारा सवाल यह है कि हमारे अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी लिखने से पहले क्या पुलिस ने कोई जांच की? स्पष्ट है कि नहीं की थी।"


उन्होंने कहा, "सरकारी कर्मचारियों को संविधान का पालन करना चाहिए। नियमों का पालन करना आवश्यक है। नियमों के खिलाफ कार्य करने पर मुंगावली थाने के प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्हें तुरंत मुंगावली थाने से हटा देना चाहिए।"


सिंह का अनुभव

राज्यसभा सदस्य सिंह ने यह भी कहा कि यह उनका पहला मामला है जब बिना किसी फरियादी के पुलिस ने खुद को फरियादी बनाकर पटवारी के खिलाफ 'झूठा' मामला दर्ज किया।


उन्होंने कहा कि पटवारी के खिलाफ पुलिस द्वारा लगाए गए आरोप समझ से परे हैं।