तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की सरकार पर साधा निशाना, पारिवारिक राजनीति का किया खुलासा

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि एनडीए नेताओं के रिश्तेदारों को महत्वपूर्ण पद दिए जा रहे हैं। उन्होंने 'जमाई आयोग' के गठन का सुझाव दिया और प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की। तेजस्वी ने बिहार में बढ़ती बेरोजगारी और गरीबी पर भी चिंता जताई। उनका कहना है कि सरकार पारिवारिक राजनीति को बढ़ावा दे रही है और राज्य की स्थिति चिंताजनक है। इस मुद्दे पर तेजस्वी ने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं, जो राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गए हैं।
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तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की सरकार पर साधा निशाना, पारिवारिक राजनीति का किया खुलासा

तेजस्वी यादव का आरोप

आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को बिहार सरकार, जो नीतीश कुमार के नेतृत्व में है, पर फिर से हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एनडीए के नेताओं के रिश्तेदारों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त कर रही है। तेजस्वी ने सुझाव दिया कि एनडीए नेताओं के रिश्तेदारों को संतुष्ट करने के लिए एक अलग 'जमाई आयोग' का गठन किया जाए। हाल ही में, उन्होंने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि बिहार सरकार ने एनडीए नेताओं के दामादों को प्रमुख पद सौंपे हैं। उनका दावा है कि नीतीश सरकार में आधे मंत्री वंशवादी हैं।


जमाई आयोग का प्रस्ताव

तेजस्वी ने नीतीश कुमार द्वारा प्रोत्साहित पारिवारिक राजनीति को उजागर करने के लिए 'जमाई आयोग' के गठन की मांग की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस द्वारा दिए गए नागरिक सम्मान के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, "वे भारत के प्रधानमंत्री हैं, शायद इसीलिए उन्हें यह सम्मान मिला है। लेकिन देश की वास्तविक स्थिति पर चर्चा करें, जहां बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई बढ़ रही है। सरकार ने मुफ्त राशन देने के अलावा कुछ नहीं किया है। लेकिन लोगों के घरों, नौकरियों, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का क्या?"


बिहार में पारिवारिक राजनीति

तेजस्वी ने कहा, 'मोदी परिवारवाद के खिलाफ बोलते रहते हैं, लेकिन उन्हें बिहार की स्थिति देखनी चाहिए। हमने पहले स्पेशल अरेंजमेंट कमीशन की मांग की थी। जमाई आयोग होना चाहिए, लेकिन अब जीजा आयोग भी होना चाहिए। इतने सारे रिश्तेदारों को पद दिए जा रहे हैं। अधिकारी अपने रिश्तेदारों को सिस्टम में समायोजित करने में मदद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री इसे नजरअंदाज करते हैं। जब भी पीएम मोदी बिहार आते हैं, वे केवल हमारी आलोचना करते हैं। लेकिन वे कभी यह नहीं पूछते कि उनके अपने गठबंधन में क्या हो रहा है। आरएसएस का कोटा है। क्या मुख्यमंत्री बता सकते हैं कि आरएसएस से कितने मंत्री हैं?'


बिहार सरकार की स्थिति

उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में चुनाव हारने वाले लोग भी मंत्री बना दिए जाते हैं। कुछ को तो कार्यकाल खत्म होने के बाद भी पद मिला है। वही लोग अब हमें उपदेश दे रहे हैं। आरजेडी नेता ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार नियंत्रण खो चुकी है, नेता अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं और राज्य को लूट रहे हैं। यादव ने कहा, "सब कुछ रिश्तों के आधार पर हो रहा है, एक कोटे से बेटी, दूसरे से दामाद। जल्दी से जल्दी 'भाईचारा आयोग' का गठन होना चाहिए। मुख्यमंत्री का नियंत्रण नहीं है। उनकी पार्टी के लोग इस बात से खुश हैं और जो चाहें कर रहे हैं। वे बिहार को लूट रहे हैं।"