कांग्रेस सांसदों का नेशनल हेराल्ड मामले पर संसद में विरोध प्रदर्शन

कांग्रेस सांसदों ने बुधवार को संसद परिसर में नेशनल हेराल्ड मामले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सरकार की प्रतिशोधात्मक राजनीति की निंदा की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खर्गे ने आरोप लगाया कि यह मामला गांधी परिवार को परेशान करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई एफआईआर नहीं है और दिल्ली की अदालत ने ईडी की शिकायत का संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। जानें इस मामले में और क्या हुआ।
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कांग्रेस सांसदों का नेशनल हेराल्ड मामले पर संसद में विरोध प्रदर्शन

नेशनल हेराल्ड मामले पर विरोध प्रदर्शन

बुधवार को, कई विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में नेशनल हेराल्ड मामले के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस के सांसदों ने "सत्यमेव जयते; सत्य की जीत!" के नारे वाले पोस्टर थामे हुए थे। कांग्रेस के शशि थरूर ने भी इस विरोध में भाग लिया, जो सरकार की प्रतिशोधात्मक राजनीति के खिलाफ था। इससे पहले, कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं ने बेलगावी के सुवर्ण सौधा में गांधी प्रतिमा के पास नेशनल हेराल्ड मामले और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) का नाम बदलने के खिलाफ प्रदर्शन किया।


डीके शिवकुमार का बयान

विरोध प्रदर्शन के दौरान, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि नेशनल हेराल्ड भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से गहराई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि यह देश का गौरव है, जिसे जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्थापित किया था। शिवकुमार ने केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि न्याय की जीत हुई है और भाजपा को अपनी प्रतिशोधात्मक राजनीति को समाप्त करना चाहिए।


कांग्रेस अध्यक्ष का आरोप

इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खर्गे ने आरोप लगाया कि नेशनल हेराल्ड मामले को सत्ताधारी सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध के तहत आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल गांधी परिवार को परेशान करने के लिए बनाया गया है। खर्गे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आरोपों का कोई आधार नहीं है और इस मामले में कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज नहीं की गई है।


दिल्ली की अदालत का फैसला

खर्गे ने कहा कि यह सब राजनीतिक प्रतिशोध के लिए किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि मंगलवार को दिल्ली की अदालत ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अभियोजन शिकायत का संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि बिना एफआईआर के, मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।