कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में मनरेगा पर चर्चा और रणनीति तय
कांग्रेस की कार्य समिति की महत्वपूर्ण बैठक
कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई, कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी), शनिवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) पर चर्चा करने के लिए एकत्रित होगी।
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में कांग्रेस कार्य समिति मनरेगा के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए कुछ कार्यक्रमों का निर्णय ले सकती है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल, प्रियंका गांधी वाद्रा, जयराम रमेश और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होने की संभावना है।
कांग्रेस का आरोप और प्रतिक्रिया
कांग्रेस का आरोप है कि 'विकसित भारत-जी राम जी अधिनियम' के जरिए मनरेगा को समाप्त किया जा रहा है, और इस योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाना राष्ट्रपिता का अपमान है।
पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 20 दिसंबर को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया है, जिससे करोड़ों किसानों, श्रमिकों और भूमिहीन ग्रामीणों के हितों पर हमला हुआ है।
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी नए 'काले कानूनों' के खिलाफ संघर्ष के लिए प्रतिबद्ध है।
संसद में जी राम जी विधेयक का पारित होना
संसद में जी राम जी विधेयक पारित होने के बाद, खरगे ने आरोप लगाया कि मनरेगा का नाम बदलने के साथ-साथ इस योजना की 'योजनाबद्ध हत्या' की जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि विदेश में महात्मा गांधी की प्रतिमाओं पर फूल चढ़ाना केवल दिखावा है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जी राम जी अधिनियम प्रदेशों और गांवों के खिलाफ है, और इसे वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी मोर्चा बनाया जाएगा।
संसद ने विपक्ष के हंगामे के बीच 'विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025' को 18 दिसंबर को मंजूरी दी थी, जो अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की संतुति के बाद अधिनियम बन चुका है। यह 20 साल पुराने मनरेगा की जगह लेगा।
