कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में बढ़ा तनाव
कांग्रेस विधायकों की नई दिल्ली यात्रा
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से कुछ कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को नई दिल्ली में पार्टी नेताओं से मुलाकात की। विधायकों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व इस मुद्दे पर जल्द निर्णय लेगा। कुछ विधायकों ने आलाकमान से मुख्यमंत्री के चयन में जल्दबाजी करने का अनुरोध किया, जबकि अन्य ने मंत्रिमंडल में युवाओं और नए चेहरों को शामिल करने की मांग की।
मुख्यमंत्री बदलने की अटकलें
राज्य में मुख्यमंत्री के बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं, खासकर जब से कांग्रेस सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल के ढाई साल पूरे किए हैं। 2023 में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच कथित 'सत्ता साझेदारी' समझौते की बातें भी चल रही हैं। सिद्धरमैया ने हाल ही में कहा कि वह पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
शिवकुमार का बयान
शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री बदलने के मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं करना चाहते, क्योंकि यह पार्टी के भीतर एक 'गुप्त समझौता' है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, शिवकुमार के समर्थक छह विधायकों का एक समूह रविवार रात आलाकमान से मिलने दिल्ली पहुंचा था। पिछले हफ्ते, लगभग 10 विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात की।
आलाकमान से अपेक्षाएँ
मगदी से विधायक एच. सी. बालकृष्ण ने कहा कि अगले मुख्यमंत्री का निर्णय आलाकमान पर निर्भर है, लेकिन उन्होंने मौजूदा भ्रम को दूर करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा, बल्कि मौजूदा स्थिति कांग्रेस के लिए हानिकारक है। आलाकमान को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।
मंत्रिमंडल फेरबदल की मांग
मद्दुर से विधायक के. एम. उदय ने कहा कि विधायकों ने आलाकमान से मंत्रिमंडल फेरबदल में नए चेहरों को शामिल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने संकेत दिया कि इस पर विचार किया जाएगा। शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग पर उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व निर्णय करेगा और सभी उसका पालन करेंगे। कुछ वरिष्ठ विधायकों ने आलाकमान से नेतृत्व परिवर्तन को लेकर असमंजस की स्थिति को दूर करने का आग्रह किया है।
