अखिलेश यादव का संविधान पर जोर, लोकतंत्र की रक्षा की अपील
संविधान की रक्षा पर अखिलेश यादव की चिंता
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भाजपा और उसके सहयोगियों पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि लोकतंत्र के दुश्मन वही हैं जो एक व्यक्ति के शासन की चाह रखते हैं। उन्होंने X पर एक पोस्ट में यह भी कहा कि देश का मूल मंत्र 'जय जवान, जय किसान, जय संविधान' होना चाहिए। संविधान की अहमियत को समझते हुए उन्होंने कहा कि इस पर कोई पक्ष या विपक्ष नहीं होना चाहिए, सभी को एकजुट होकर इसके प्रति खड़ा होना चाहिए। संविधान केवल एक किताब नहीं, बल्कि हमारे समाज की नींव है।
लोकतंत्र के लिए संविधान की भूमिका
अखिलेश यादव ने यह भी बताया कि लोकतंत्र के लिए सबसे दुखद पहलू यह है कि संसद में संविधान की रक्षा पर बहस हो रही है, जबकि चर्चा का विषय संविधान के अनुसार देश को आगे बढ़ाना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान पर संकट, लोकतंत्र पर संकट का संकेत है। जो लोग संविधान को कमजोर करना चाहते हैं, वे लोकतंत्र को भी कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।
संविधान का महत्व और अधिकारों की रक्षा
उन्होंने जोर देकर कहा कि देश को संविधान के अनुसार चलना चाहिए, न कि किसी व्यक्ति की इच्छाओं के अनुसार। संविधान अधिकारों की रक्षा करता है, और जो लोग इन अधिकारों का उल्लंघन करना चाहते हैं, वे संविधान को नकारने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि संविधान ही हमारे देश की संजीवनी है, जो इसे बेहतर बनाने की शक्ति रखता है।
संविधान और पीडीए का संबंध
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि संविधान पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का मार्गदर्शक है, जो व्यक्ति की गरिमा और सम्मान की रक्षा करता है। संविधान ही शोषण और उत्पीड़न से बचाता है और शोषकों को दंडित करता है। इसलिए, संविधान हमारे लिए एक सुरक्षा कवच है। संविधान के बिना सुरक्षा और शक्ति की कोई बात नहीं है। यह देश के 90% शोषित और वंचित लोगों के अधिकारों का सच्चा रक्षक है।
