एआईएस नियमों के उल्लंघन मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव किसी के दबाव में कर रहे मुख्य सचिव का बचाव : दिल्ली सरकार

नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने सोमवार को राजस्व सचिव अश्विनी कुमार की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर चिंता जताई, जिसमें उन्होंने मुख्य सचिव नरेश कुमार का बचाव किया था। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
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एआईएस नियमों के उल्लंघन मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव किसी के दबाव में कर रहे मुख्य सचिव का बचाव : दिल्ली सरकार

नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने सोमवार को राजस्व सचिव अश्विनी कुमार की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर चिंता जताई, जिसमें उन्होंने मुख्य सचिव नरेश कुमार का बचाव किया था। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सरकारी सूत्रों ने इस तरह की प्रेस वार्ता को अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 का उल्लंघन माना है।

सूत्रों ने कहा कि उनके खिलाफ कानून के मुताबिक उचित कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि अश्विनी कुमार द्वारा मुख्य सचिव नरेश कुमार का बचाव कथित घोटाले में उनकी संभावित संलिप्तता का संकेत दे सकता है, जिससे दोनों अधिकारियों को जांच से बचाने के प्रयास का संदेह पैदा हो रहा है।

सूत्रों ने कहा कि बयान में एक सुचारु जांच प्रक्रिया को सामने लाने और सच्चाई को उजागर करने की अनुमति देने के महत्व पर जोर दिया गया है, जिसका मतलब है कि कुमार की हरकतें जांच प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के बजाय बाधा डाल सकती हैं।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव अश्विनी कुमार ने मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को "झूठा" और "निराधार" बताया।

कुमार ने कहा कि नरेश कुमार और राष्ट्रीय राजधानी में द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहित जमीन के एक टुकड़े के मालिकों के बीच संबंधों के आरोप झूठे और निराधार हैं।

यह घटनाक्रम केजरीवाल द्वारा द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण में दिल्ली के मुख्य सचिव के बेटे को 315 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाए जाने का आरोप लगाने वाली शिकायत भेजेे जाने के कुछ दिनों बाद आया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुमार ने कहा था, "यह जरूरी है कि जो तथ्य रिकॉर्ड में हैं, वे आपके सामने पेश किए जाएं और सच्चाई लोगों तक पहुंचे। झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाकर मुख्य सचिव का चरित्र हनन किया जा रहा है।"

उन्होंने कहा कि ठेका देने या मध्यस्थता में नरेश कुमार की कोई भूमिका नहीं है।

अधिकारियों के मुताबिक, कुमार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के संबंध में 24 अक्टूबर को मुख्यमंत्री से शिकायत की गई थी।

एक सूत्र ने कहा था, ''मुख्य सचिव पर अपने बेटे की कंपनी को 315 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाने का आरोप है।''

एक अधिकारी ने कहा, मुख्यमंत्री ने मामले की विस्तृत जांच के लिए शिकायत सतर्कता मंत्री को भेज दी है।

सूत्रों ने शनिवार को बताया था कि 11 नवंबर को आतिशी ने कथित भ्रष्टाचार के संबंध में जांच शुरू की।

दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक, आतिशी ने कुमार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के संबंध में निदेशक सतर्कता और मंडलायुक्त को पत्र लिखा।

सूत्र ने कहा कि सतर्कता मंत्री ने अपने बेटे की कंपनी को 315 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाकर मुख्य सचिव द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार से संबंधित सभी फाइलें भी मांगीं।

सूत्र ने कहा था कि द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए बामनोली गांव में भूमि अधिग्रहण से संबंधित सभी फाइलें शनिवार शाम 7 बजे तक सतर्कता मंत्री को सौंपी जानी हैं और उन्होंने दोनों विभागों को यह भी निर्देश दिया है कि कथित भ्रष्टाचार के इस मुद्दे से संबंधित कोई भी फाइल "पारित" न की जाए।

--आईएएनएस

एसजीके