राजस्थान के स्कूलों में शिक्षकों के मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध, पूजा-नमाज के लिए भी लेनी होगी छुट्टी

जयपुर, 8 मई (आईएएनएस)। राजस्थान के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा मंत्री की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार स्कूल आवर के दौरान शिक्षक पूजा पाठ करने या फिर नमाज अदा करने के लिए स्कूल छोड़कर नहीं जा सकते।
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राजस्थान के स्कूलों में शिक्षकों के मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध, पूजा-नमाज के लिए भी लेनी होगी छुट्टी

जयपुर, 8 मई (आईएएनएस)। राजस्थान के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा मंत्री की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार स्कूल आवर के दौरान शिक्षक पूजा पाठ करने या फिर नमाज अदा करने के लिए स्कूल छोड़कर नहीं जा सकते।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षकों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि स्कूल के समय के दौरान पूजा करने या फिर नमाज पढ़ने के नाम पर कोई भी टीचर स्कूल न छोड़े। अगर किसी को जाना है तो वह छुट्टी लेकर जाए। छुट्टी लेकर जाने वाले शिक्षकों को रजिस्टर में दर्ज करना होगा कि उसने छुट्टी ली है।

उन्होंने कहा कि अगर कोई शिक्षक बिना सूचना दिए स्कूल छोड़ कर जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे शिक्षकों को निलंबित या फिर बर्खास्त किया जा सकता है।

स्कूल में ड्यूटी के दौरान शिक्षकों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल करने पर उन्होंने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि स्कूल में शिक्षक दिन भर मोबाइल में शेयर मार्केट और न जाने क्या-क्या देखते रहते हैं। मोबाइल फोन में शिक्षकों के उलझे रहने से बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होता है। मोबाइल एक बीमारी जैसा हो गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने फैसला लिया है कि स्कूल में कोई भी शिक्षक मोबाइल लेकर नहीं जाएगा।

उन्होंने कहा कि अगर कोई शिक्षक गलती ले फोन लेकर चला जाता है तो वह उसे अपना मोबाइल प्रिंसिपल के पास जमा कराना होगा। स्कूल में केवल प्रिंसिपल को ही अपने साथ मोबाइल रखने की अनुमति होगी। इस दौरान अगर किसी शिक्षक के घर पर कुछ इमरजेंसी हो जाती है तो प्रिंसिपल के पास फोन करके उन्हें जानकारी दे सकते हैं या उनसे बात की जा सकती है।

उन्होंने आगे कहा कि कि बच्चों को पढ़ाने से पहले शिक्षक खुद भी पढ़कर स्कूल आएं ताकि बच्चों की समस्या का समाधान ठीक प्रकार से कर सकें।

दरअसल, शिक्षा मंत्री की ओर से यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकी बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो और शिक्षा में गुणवत्ता आए।

--आईएएनएस

पीएसके/एसकेपी